हिंदुस्तान के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है. ये सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. रातोरात लोगों की तकदीर बदल गई. कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनों समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला ये जख्म दे गए.
इतिहास के दूसरे अंश में बात कुदरत की तबाही की. साल 1896 में जापान ने अपने इतिहास के सबसे बड़े विनाशकारी भूकंप और उसके बाद उठी सुनामी का दर्द सहा. प्रकृति के इस डबल अटैक ने 22,000 लोगों की जान ले ली.बता दें कि ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) के करीब होने की वजह से जापान (Japan) को लगातार भूकंप (Earthquake) और सुनामी की मार झेलनी पड़ती है. इस वजह से जापान में अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसी ही एक भूकंप और फिर सुनामी (Tsunami) की आपदा आज ही के दिन साल 1896 में आई थी. जब 8.5 तीव्रता के भूकंप से अभी जापान उबर ही रहा था कि उसे भयानक सुनामी का सामना करना पड़ा. ये भूकंप जापान के होंशु में स्थित सानरिकू तट पर आया. जिसने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया और जो बचे उनका सब कुछ बर्बाद कर दिया.125 फीट ऊंची लहरों से मची तबाही को याद करके जापान आज भी कांप उठता है.
इतिहास के तीसरे और आखिरी अंश में बात हनुमान जी का अवतार माने जाने वाले बाबा नीब करौली की. जिनके पवित्र कैंची धाम की स्थापना आज से ठीक 60 साल पहले सन 1964 में हुई थी.वैसे तो देश-दुनिया में बाबा नीब करौरी महाराज के कई मंदिर हैं, लेकिन सबसे खास उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम ही है.कहा जाता है कि बाबा नीब करौरी महाराज 1961 में पहली बार कैंची धाम आए थे. और 1964 में उन्होंने कैंची धाम की स्थापना की तब से लेकर आज तक 15 जून को यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें बाबा के भक्तों की भीड़ उमड़ती है.बता दें कि बाबा नीब करौरी महाराज का पवित्र कैंची धाम चमत्कारों से भरा पड़ा है. Apple के संस्थापक स्टीव जॉब्स, Facebook के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली भी कैंची धाम आ चुके हैं.
15 जून इतिहास -
1908 : कलकत्ता शेयर बाज़ार की शुरुआत
1954 : यूरोप के फुटबॉल संगठन यूईएफए (यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबाल एसोसिएशन) का गठन
1971 : ब्रिटेन की संसद में मतदान के बाद स्कूलों में बच्चों को मुफ्त दूध देने की योजना को समाप्त करने का प्रस्ताव. हालांकि भारी विरोध के कारण इसे सितंबर में ही लागू किया जा सका.
1982 : फ़ाकलैंड में अर्जेन्टीना की सेना ने ब्रिटिश सेना के सामने घुटने टेके.
1988 : नासा ने स्पेस व्हीकल एस-213 लॉन्च किया
1994 : इस्रायल और वैटीकन सिटी में राजनयिक संबंध स्थापित
1997 : आठ मुस्लिम देशों द्वारा इस्तांबुल में डी-8 नामक संगठन का गठन
1999 : लाकरबी पैन एम. विमान दुर्घटना के लिए लीबिया पर मुकदमा चलाने की अमेरिकी अनुमति
2001 : शंघाई पांच को शंघाई सहयोग संगठन का नाम दिया गया. भारत और पाकिस्तान दोनों को सदस्यता न देने का निर्णय.
2004 : ब्रिटेन के साथ परमाणु सहयोग को अमेरिकी राष्ट्रपति बुश की स्वीकृति मिली
2006 - भारत और चीन ने पुराना सिल्क रूट खोलने का निर्णय लिया
2008 - आक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार अल्ट्रावायलेट प्रकाश का विस्फोट कर बड़े सितारों की स्थिति देखी.