History 24 May: 'पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर घूमती है', कॉपर्निकस ने क्यों नहीं उठाया इस राज से पर्दा?

Updated : May 23, 2024 22:37
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Editorji News Desk

History 24 May: इस ब्रह्माण्ड में अनेक ऐसे राज हैं जिनसे पर्दा उठाना इंसान के लिए हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है. लेकिन इंसानी दिमाग ने भी कदम-कदम पर इसे चुनौती दी है. इसी क्रम में आज हम जानेंगे इस असीमित ब्रह्माण्ड की एक ऐसी खोज और उसके खोजकर्ता के बारे में जिसने विज्ञान को एक अलग तरह से सोचने का नजरिया दिया.हम बात कर रहे हैं महान वैज्ञानिक 'निकोलस कॉपर्निकस' की. 24 मई साल 1543 आज ही के दिन कॉपर्निकस दुनिया को अलविदा कहा था.

'पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है' इस सार्वभौम सत्य को सबसे पहले निकोलस कॉपर्निकस ने ही बताया था. उन्होंने अपनी इस बात को कहीं लिखा नहीं क्योंकि उन्हें डर था कि चर्च उनके खिलाफ हो जाएगा. डर इसलिए क्योंकि उस समय तक लोग मानते थें कि 'पृथ्वी स्थिर है और सूर्य इसके चारों ओर घूम रहा है'. बाद में 'कॉपर्निकस' के निधन के 21 साल बाद 15 फरवरी 1564 को इटली के पीसा में जन्म हुआ- गैलीलियो गैलिली का. इन्होंने एक किताब लिखी, जिसका नाम था 'डायलॉग'. इस किताब में गैलीलियो ने लिखकर दावा किया कि पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाती है. 

शिक्षा सफलता की ऐसी कुंजी है, जिसका हमारे भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान होता है. शिक्षा के जरिये ही एक सभ्य समाज का निर्माण होता है. इसी क्रम में आज के इतिहास में हम बात करेंगे एक ऐसे शिक्षण संस्थान की जहां से पढ़ के अनेकों महान हस्तियां निकली. जी हां हम बात कर रहे हैं अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की. 24 मई साल 1875 में अलीगढ़ में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की जो वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना का श्रेय सर सैयद अहमद खान को जाता है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था. एएमयू के संस्थापक किसी भी कीमत पर इसकी स्थापना करना चाहते थे. उन्होंने चंदा इकट्ठा कर और भीख मांग कर इसकी स्थापना की थी. इसके लिए उन्होंने नाटकों का मंचन कराया और कई जगहों से चंदा भी लिया था. 

इतिहास के तीसरे और आखिरी अंश में बात एक भीषण तबाही की करेंगे. 24 मई साल 1985 को  बांग्लादेश में एक भीषण चक्रवाती तूफान ने दस्तक दी थी. इस दौरान हवा की रफ़्तार 150 से 154 किमी/घंटा थी. इस भीषण तूफ़ान में 10 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हजारों की संख्या में लोग लोग घायल हुए. बस्तियां तबाह हो गई. इस विनाश को ट्रॉपिकल स्टॉर्म वन (Tropical Storm One (1B)) नाम दिया गया.

देश-दुनिया में 24 मई का इतिहास 

1689: ब्रिटिश संसद ने प्रोटेस्टेंट ईसाइयों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी.

1883: ब्रुकलिन और मैनहट्टन को जोड़ने वाले ब्रुकलिन ब्रिज को यातायात के लिए खोला गया.

1915: थॉमस अल्वा एडिसन ने टेलीस्क्राइब का आविष्कार किया.

1931: पहली वातानुकूलित यात्री ट्रेन अमेरिका के वाल्टमोर ओहियो मार्ग पर चलाई गई.

1959: साम्राज्य दिवस का नाम बदलकर राष्ट्रमंडल दिवस किया गया.

1986: मार्गरेट थैचर इजरायल का दौरा करने वाली ब्रिटेन की पहली प्रधानमंत्री बनीं.

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