On This Day in History 26 June: हमारी हर दिन की शुरुआत सुबह ब्रश करने से होती है. लेकिन ब्रश से अपने दांतों को साफ़ करते समय क्या आपने कभी सोचा कि आखिर इसका शुरुआत कहां से हुई होगी? कैसा दिखता होगा दुनिया का पहला ब्रश. चलिए ज्यादा सोचिये मत क्योंकि हम आपको बताएंगे कैसा दिखता था दुनिया का पहला टूथब्रश और क्या है इसके पीछे का इतिहास?
आज से करीब 500 साल पहले 1498 में चीनी शासक होंगझी ने टूथब्रश का पहला पेटेंट कराया था. होंगझी ने सूअर के बालों से पहला टूथब्रश बनाया था. इन बालों को एक हड्डी या लकड़ी पर लगाया गया था. इसका फायदा ये था कि ये दांतों की ज्यादा बेहतर तरीके से सफाई कर सकता था.1690 में पहली बार इसके लिए टूथब्रश शब्द का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद से टूथब्रश में जानवरों के दांतों की जगह नायलोन का इस्तेमाल किया जाने लगा और इसी के साथ इनका इस्तेमाल भी बढ़ गया. वैसे तो दांत साफ करने का इतिहास काफी पुराना है. कहा जाता है कि 3000 BC में लोग दांतों को चमकदार बनाने के लिए पेड़ की पतली डाली का इस्तेमाल करते थे. 1600 BC के आसपास चीनी लोग खुशबूदार पेड़ों की डालियों का इस्तेमाल करने लगे. इससे दांत तो साफ होने लगे साथ ही सांसों की बदबू की समस्या से भी निजात मिली. खैर ये तो बात हुई ब्रश की आइये जानते हैं टूथपेस्ट के लिए पुराने समय में क्या इस्तेमाल किया जाता है. पुराने समय में लोग टूथपेस्ट की जगह मिट्टी, राख, अंडे के छिलकों का पेस्ट की तरह इस्तेमाल करते थे. 1960 के दशक में बाजार में इलेक्ट्रिक टूथब्रश भी आ गए. आज हर साइज, शेप, मटेरियल के हिसाब से बाजार में टूथब्रश उपलब्ध है.
इतिहास के दूसरे अंश में बात लगभग हर बुक लवर की पसंदीदा बुक 'हैरी पॉटर' की करेंगे. 26 साल 1997 में जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई हैरी पॉटर सीरीज की पहली किताब ‘हैरी पॉटर एंड द फिलोसॉफर्स स्टोन’ पब्लिश हुई थी. बाजार में आते ही इस बुक ने ऐसा तहलका मचाया कि हर कोई हैरी पॉटर का दीवाना हो गया. राउलिंग की पहली बुक उस साल की बेस्टसेलर बन गई थी. इस बुक को 'ब्लूम्सबरी पब्लिकेशन' यूके द्वारा 1997 में प्रकाशित किया गया था. 'हैरी पॉटर एंड द फिलॉसफर्स स्टोन' की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे करीब 73 अन्य भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया था. बाद में इस पर फिल्म भी बनाई गई थी जिसे ऑस्कर ने नवाजा गया था. लेकिन इस सफलता की राह इतनी आसान नहीं थी रॉलिंग ने बताया था कि इस बुक को कई पब्लिशर्स ने छापने से ठुकराया था.
इतिहास के तीसरे अंश में बात मध्य प्रदेश की होगी. 26 जून साल 1995 में मध्य प्रदेश को 'टाइगर स्टेट' का दर्जा मिला था. बात है साल 1972 की जब पहली बार देश में बाघों की गिनती की गई थी, इस गणना में पता चला कि पूरे भारत में सिर्फ 1827 बाघ ही बचे है,. इसके बाद साल 1973 में 9 टाइगर रिजर्व में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया. इसके तहत पूरे देश में नए-नए टाइगर रिजर्व खोले गए और बाघ की आबादी को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रयास शुरू हुए. ये प्रोजेक्ट बेहद सफल रहा और 90 के दशक तक बाघों की आबादी 3500 से भी ज्यादा हो गई. साल 1995 में आज ही के दिन मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला. उस समय पूरे देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में पाए गए थे.
2012: तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दिया.
2000: ICC यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने बांग्लादेश को टेस्ट टीम का दर्जा दिया.
1998: माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज-98 रिलीज किया.
1974: अमेरिका के ओहियो में सुपर मार्केट में खरीदारी के लिए बार कोड का पहली बार इस्तेमाल हुआ.
1977: एल्विस प्रेस्ली ने अमेरिका के इंडियाना में अपना आखिरी कॉन्सर्ट किया.
1906: फ्रांस में पहली ग्रां प्रिक्स मोटर रेस का आयोजन हुआ.
History 25th June: 25 जून साल 1975... जिस दिन लिखी गई 'आपातकाल' की पटकथा