History 8 April: मंगल पांडेय, भगत सिंह जैसे आज़ादी के वीरों से जुड़ा है आज का बेहद खास इतिहास

Updated : Apr 07, 2024 23:10
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Editorji News Desk

History 8 April: देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें और उनका भविष्य सुरक्षित हो, इसके लिए देश के कई नौजवानों ने अपने वर्तमान की कुर्बानी दे दी. आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित है. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडेय को आज ही के दिन फांसी दी गई थी. 1857 के संग्राम में मंगल पांडेय और उनके साथियों की बगावत का अहम रोल था. उन्हें अंग्रेजी अफसरों पर गोली चलाने, हमला करने और हत्या करने का दोषी ठहराया गया था.

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने फेंके थे बम
इतिहास के अगले अंश में बात 8 अप्रैल 1929 की. जब दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में वायसराय 'पब्लिक सेफ्टी बिल' पेश कर रहे थे. इसके बाद ये बिल कानून बनना था. जैसे ही बिल पेश किया गया, सदन में एक जोरदार धमाका हुआ. दो लोगों ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगते हुए सदन के बीच में बम फेंका था. ये बम शहीद-ए-आजम भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने फेंके थे. बम फेंकते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया कि इससे किसी की जान का नुकसान न हो. जैसे ही बम फटा, जोर की आवाज हुई और असेंबली हॉल में अंधेरा छा गया. पूरे भवन में अफरातफरी मच गई. घबराए लोगों ने बाहर भागना शुरू कर दिया. हालांकि, बम फेंकने वाले दोनों क्रांतिकारी वहीं खड़े रहे. इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए उन्होंने कुछ पर्चे भी सदन में फेंके. इनमें लिखा था- 'बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत पड़ती है.' दोनों ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया. इस कारनामे के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त भारतीय युवाओं के हीरो बन गए.

6 दिन की बातचीत के बाद नेहरू-लियाकत समझौता
1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना. इसके बाद दोनों देशों के लोगों का विस्थापन चलता रहा. दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के मन में कई सवाल थे. अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करने और भविष्य में होने वाले युद्ध की आशंका को खत्म करने के लिए 1950 में आज ही के दिन भारत-पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ. इसे नेहरू-लियाकत समझौता या दिल्ली पैक्ट के नाम से जाना जाता है. छह दिन चली बातचीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने समझौते पर साइन किए थे. इसके बाद ही दोनों देशों ने अपने-अपने देश में अल्पसंख्यक आयोग बनाए. समझौते के वक्त ही इसका विरोध भी हुआ. विरोध में नेहरू सरकार के उद्योग मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इस्तीफा दे दिया.

8 अप्रैल को देश-दुनिया में हुईं अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं-

2013: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थ्रेचर का निधन हुआ. वो ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं.

2005: पोप जॉन पॉल द्वितीय के निधन के छह दिन बाद 8 अप्रैल 2005 को वेटिकन में उनका अंतिम संस्कार हुआ. इसमें दुनियाभर के 200 से ज्यादा नेता और लाखों लोग शामिल हुए थे.

1973: स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का फ्रांस में निधन हुआ. उन्हें 20वीं शताब्दी के सबसे प्रभावी चित्रकारों में गिना जाता है.

1938: संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का जन्म हुआ. अन्नान संयुक्त राष्ट्र के 7वें महासचिव थे.

1924: शास्त्रीय संगीत गायक कुमार गंधर्व का जन्म हुआ.

1894: भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता, कवि और उपन्यासकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का निधन हुआ.

1859: जर्मन फिलॉस्फर एडमंड हुसेरेल का जन्म हुआ. उन्हें फिनॉमलॉजी का जनक माना जाता है.

1820: दुनिया की सबसे मशहूर मूर्तियों में से एक वीनस डि मेलो की खोज हुई थी. इसे ग्रीस में एजिम सागर के पास खोजा गया था.

1983 - अल्लु अर्जुन- तेलुगु फ़िल्म अभिनेता का जन्म हुआ.

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