पिछले 10 दिनों से यूक्रेन रूस के ताबड़तोड़ हमले (russia ukraine war) झेल रहा है. इस बीच यूक्रेन से बंकर में (bunkers in ukraine) अपनी जान बचाए स्थानीय नागरिकों और छात्रों की अलग-अलग वीडियो भी सामने आ रहे हैं. दावा है कि खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) भी बंकर में छिपे हैं. बंकर से जुड़ी खबरों के बीच आइए जानते हैं कि ये बंकर तैयार कैसे होते हैं ? आखिर कैसे एक बंकर भारी बमबारी के बीच सुरक्षा कवच का काम करता है ? आज इसे ही समझते हैं
दरअसल, एक सैन्य ढांचे वाले छिपने की जगह को आमतौर पर बंकर कहा जाता है. बंकर अक्सर सरहदों पर मिलते हैं, जो दुश्मनों के हमले से किसी देश की हिफाजत और मोर्चेबंदी का काम करते हैं. बंकर युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, रसायनों और रेडिएशन जैसे खतरों से निपटने के लिए प्रभावी साबित होते हैं. पहले विश्वयुद्ध के बाद से ही पूरे यूरोप में हजारों की तादाद में बंकर बनाए गए थे. दूसरे विश्वयुद्ध (bunkers in second world war) में जब आसमान से लड़ाकू विमान (fighter plane) बम बरसा रहे थे. तब ये बंकर सुरक्षा कवच साबित हुए थे.
दिलचस्प सवाल ये भी है कि आखिर बंकर (bunkers) बनते कैसे हैं? दरअसल बंकर एक तरह से जमीन के नीचे बना घर ही है. इसकी दीवार कई फीट मोटी कंक्रीट या कई इंच मोटी लोहे की परत से बनी होती है. एक या दो लोगों के रहने लायक बंकरों को क्यूज्ड कहा जाता है. इसमें कई दिनों तक का राशन और हथियार स्टोर करके रखा जा सकता है.
दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां बंकरों की भरमार है. यहां कदम-कदम पर बंकर मिलते हैं. इस देश का नाम है अल्बानिया (Albania) हैं. इसी देश में मदर टेरेसा (Mother Teresa) का जन्म हुआ था.