4 June History: चीन में हुआ था नरसंहार, पुलित्ज़र पुरस्कार से भी जुड़ा है आज का इतिहास

Updated : Jun 03, 2024 22:57
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Editorji News Desk

4 June History: हर दिन खास होता है क्योंकि हर दिन का अपना इतिहास होता है. इतिहास की इस कड़ी में आज हम आ पहुंचे हैं 4 जून के इतिहास पर. 4 जून साल 1989 ये वो दिन था जब पड़ोसी राज्य चीन में एक भीषण नरसंहार को अंजाम दिया गया था. दरअसल चीन की राजधानी बिजिंग में एक शांतिपूर्व प्रदर्शन में सैनिकों ने गोली बरसा दी थी. जब बन्दुक की गोलियां काफी नहीं रही तो सेना ने टैंकों से कार्रवाई की. इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में लोग मारे गए. चीन के इतिहास में इस नरसंहार को ‘थ्येनआनमन स्क्वायर नरसंहार’ (Tiananmen Square Protest) के नाम से जाना जाता है. 

इतिहास के दूसरे अंश में बात मशहूर अदाकारा नूतन की करेंगे. 4 जून साल 1936 में नूतन का जन्म मुंबई (उस वक्त बॉम्बे) में हुआ था. बचपन से ही नूतन का रुख एक्टिंग की ओर था. क्योंकि उनके पिता डायरेक्टर और कवि कुमारसेन समर्थ थे, जबकि मां शोभना समर्थ खुद दिग्गज कलाकार थीं. नूतन अपने माता-पिता की चारों संतानों में सबसे बड़ी थीं. वहीं, उनकी दो बहनें तनुजा (काजोल और तनीषा की मां) और चतुरा ने भी बॉलीवुड में अपनी अदाकारी जलवा दिखाया था. महज 14 साल की उम्र में नूतन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया. बॉलीवुड में एंट्री के साथ ही नूतन का सिक्का ऐसा चला की 16 साल की उम्र में ही उन्हें 'मिस इंडिया' के खिताब से नवाजा गया. नूतन ने कम उम्र में शोहरत के मुकाम हासिल कर लिए थे. नूतन के करियर में 'फिल्म सीमा' सबसे बड़ा माइलस्टोन साबित हुई. इसके बाद उन्होंने देव आनंद के साथ 'पेइंग गेस्ट', राज कपूर के साथ 'अनाड़ी', सुनील दत्त के साथ 'सुजाता' और दिलीप कुमार के साथ 'कर्मा' (1986) जैसी कई बेहतरीन फिल्में कीं.1963 में रिलीज हुई फिल्म 'बंदिनी' में नूतन ने युवा कैदी की भूमिका निभाई, जो उनकी बेहतरीन फिल्मों में शुमार है. बता दें कि जिंदगी के आखिरी वर्षों में नूतन ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ गईं. और महज 54 साल की उम्र में साल 1991 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

इतिहास के तीसरे अंश में बात पुलित्ज़र पुरस्कार की करेंगे. 4 जून साल 1917 में इसकी शुरुआत की गई थी. यह पुरस्कार किसी व्यक्ति, समाचार पत्र, पत्रिका, ऑनलाइन पत्रकारिता, साहित्य और संगीत रचना में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है. पुलित्ज़र पुरस्कार, हंगरी मूल के अमेरिकी समाचार पत्र प्रकाशक 'जोसेफ पुलित्जर' की स्मृति मे दिया जाता है. उन्होंने अपनी वसीयत मे से 250,000 अमेरिकी डॉलर कोलम्बिया विश्वविद्यालय को पत्रकारिता विषय शुरू करने के लिए और पुलित्ज़र पुरस्कार प्रारम्भ करने के लिए दिए थे. पुलित्ज़र पुरस्कार प्रतिवर्ष 21 श्रेणियों मे दिया जाता है, जिसमे से 20 श्रेणियों मे यह पुरस्कार व्यक्तिगत रूप से दिया जाता है, जिसमे ईनामी राशि $15,000 नकद होती है. एक श्रेणी मे इसे सार्वजानिक रूप से दिया जाता है , जिसमे पुरस्कार प्राप्त कर्ता को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाता है. 

देश-दुनिया में 4 जून का इतिहास 

1896: हेनरी फॉर्ड ने अमेरिका के डेट्रॉइट शहर में अपना पहला मॉडल परीक्षण के लिए उतारा. 

1919: अमेरिकी नौसेना ने कोस्टारिका पर हमला किया. 

1928: चीन के राष्ट्रपति हांग जोलिन की जापानी एजेंट ने हत्या की. 

1929: जॉर्ज ईस्टमेन ने पहली रंगीन फिल्म का नमूना पेश किया. 

1940: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी की सेना ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रवेश किया. 

1944: अमेरिकी सेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रोम में प्रवेश किया. 

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