Government Jobs in India: देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 14 जून को सुबह 9.27 मिनट पर घोषणा की है कि आने वाले डेढ़ सालों में करीब 10 लाख भर्तियां की जाएंगी. पीएमओ ने ट्वीट कर लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों और विभागों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की है और निर्देश दिया है कि अगले डेढ़ सालों में मिशन मोड में यानी कि आनन-फानन में 10 लाख़ लोगों को भर्ती किया जाए...
सवाल उठता है कि इतने दिनों से नौकरी को लेकर सरकार का क्या रवैया रहा है और कितने लोगों को सरकारी नौकरियां मिली हैं? क्योंकि हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा तो पहले भी किया गया था. मुझे ऐतबार तो था उनके वादे पर, लेकिन क्या करें रिकॉर्ड उलझन में डाल देता है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी कि CMIE के मंथली आंकड़ों के मुताबिक 2021 में मई में बेरोजगारी दर 11.84% पर पहुंच गई थी. हालांकि इसके बाद इसमें गिरावट देखने को मिली और ये जनवरी 2022 में 6.57% पर आई थी, लेकिन फरवरी में ये फिर 8.10% पर पहुंच गई थी, मार्च में यह 7.60% हो गया और अप्रैल में 0.23 फीसदी और ज्यादा बढ़ गया.
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बेरोजगारी के मामले में हरियाणा नंबर वन है. अप्रैल महीने में यहां बेरोजगारी दर 34.5 फीसदी रही. वहीं 28.8 फीसदी दर के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर है. CMIE के अनुसार राजस्थान में बेरोजगारी दर का आंकड़ा अप्रैल में 28.8 फीसदी रहा है.
वहीं अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फ़ॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक़, बिहार में बेरोज़गारी की दर 40 फ़ीसदी और उत्तर प्रदेश में 22 फ़ीसदी है. हालांकि ज़मीनी हालत आंकड़ों से भी ज्यादा ख़राब हैं.
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में 2,741 लोगों ने बेरोज़गारी की वजह से आत्महत्या कर ली थी. यह आंकड़े 2014 की तुलना में क़रीब 24 फ़ीसदी ज्यादा हैं.
केंद्र सरकार के अलग अलग विभागों में करीब 8.72 लाख पद खाली हैं. कार्मिक मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में संसद के अंदर ये जानकारी दी थी. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के मुताबिक एक दिसंबर तक सरकारी बैंकों में 41,177 पद खाली थे. केंद्रीय विश्वविद्यालयों, IIT और IIM जैसे शिक्षण संस्थानों में करीब 10,814 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. वहीं देश के तीनों सेनाओं में करीब 1.25 लाख पद खाली पड़े हैं. जबकि देशभर में रेलवे के अलग-अलग जोन को मिलाकर तीन लाख से अधिक पद खाली हैं... ये बस थोड़े बहुत आंकड़े हैं. अगर सभी श्रेणियों में नौकरी की लिस्ट दिखलाने लग जाऊं तो आप बोर हो जाएंगे.
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इसलिए आपको बिना बोर किए बता दूं कि बीजेपी सांसद और बीजेपी को घेरने वाले वरुण गांधी ने पीएम मोदी की भूरी-भूरी प्रशंसा की है. उन्होंने तारीफ करते हुए लिखा, 'बेरोजगार युवाओं की पीड़ा समझने के लिए प्रधानमंत्री जी धन्यवाद. नए रोजगार का सृजन करने के साथ-साथ हमें एक करोड़ से अधिक ‘स्वीकृत परंतु रिक्त’पदों को भरने हेतु सार्थक प्रयास भी करना होगा.
ये तो हुई बेरोजगारी की बात.. अब पीएम मोदी के घोषणा की बात... जानकार मानते हैं कि पीएम मोदी ने 10 लाख नौकरी देने की घोषणा यूं ही नहीं की है. देश के अंदर हिंदू-मुस्लिम विवाद जारी है. फिल्मी स्टाइल में 'बुल्डोजर से फैसला ऑन द स्पॉट' भी किया ही जा रहा है. लेकिन रोजगार को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हावी हो जा रहा है.
अभी लोकसभा चुनाव में लगभग दो साल का समय है. और पीएम मोदी ने भी 10 लाख नौकरियां देने का टारगेट दिसंबर, 2023 तक ही रखा है.
इसके साथ ही लगे हाथों 2022 का गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, उसके बाद 2023 में राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ समेत नौ राज्यों के चुनाव भी निपट जाएंगे... यानी आम के आम और गुठलियों के दाम...
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पीएम मोदी की रणनीति क्या चुनाव आधारित ही है? या वाकई अब देश में हालात ऐसे बन रहे हैं कि सरकार अब लोगों को नौकरी देने की अवस्था में आ गई है. तमाम चीजों को समझने के लिए हमारे साथ जुड़ गए हैं दो ख़ास गेस्ट- संतोष मेहरोत्रा, जो आर्थिक मामलों के जानकार हैं. और संजीव पांडेय, जो वरिष्ठ पत्रकार हैं.