Kishore Kumar and Ashok Kumar Life : किशोर कुमार और अशोक कुमार भाई थे. दोनों की जिंदगी में एक दर्दनाक संयोग भी रहा. जिस दिन अशोक कुमार का जन्मदिन था, उसी दिन किशोर ने दुनिया को अलविदा कह दिया... आज जानेंगे दोनों भाइयों की जिंदगी के सफरनामे को झरोखा में.
आजादी से पहले का इंदौर... होल्कर साम्राज्य (Holkar Rule) की शान शौकत आसमां पर थी... यहीं पर क्रिश्चियन कॉलेज (Christian College) में दो भाई हर महीने के पहले हफ्ते बंबई से आने वाले मनी ऑर्डर का इंतजार करते थे... महीने के पहले हफ्ते में इस मनी ऑर्डर में 200 रुपये होते थे. तब 200 रुपये ऐसे थे कि ठाठ से पूरा खर्च करो तो भी पैसे बच जाएं...
मनी ऑर्डर अनूप कुमार (Anoop Kumar) के नाम आता था और उसमें से कभी आधा कभी थोड़ा छोटे भाई किशोर कुमार (Kishore Kumar) को भी मिल जाता था... अनूप कुमार का असली नाम था कल्याण कुमार गांगुली (Kalyan Kumar Ganguly) और किशोर कुमार का नाम था आभास कुमार गांगुली (Abhas Kumar Ganguly)... और वो बड़े भैया जो बंबई में सिक्का जमा चुके थे और उन्हें मनी ऑर्डर भेजते थे, वह थे अशोक कुमार यानी कुमुदलाल गांगुली (Kumudlal Ganguly).
कुमार नाम का असर ऐसा था कि तीनों भाईयों ने ही फिल्मी दुनिया में एंट्री करने से पहले नाम ही बदल डाला... आज की तारीख खुशी और दर्द दोनों से जुड़ी हुई है... 13 अक्टूबर 1911 को आज ही के दिन अशोक कुमार का जन्म हुआ था और 13 अक्टूबर 1987 को छोटे भाई किशोर कुमार का निधन हुआ...
किशोर कुमार की जिंदगी में 4 नंबर का असर था... उनका जन्म 4 अगस्त को हुई... उनके 4 भाई बहन थे, उनकी बीवियां भी 4 हुईं और उनका निधन जिस 13 अक्टूबर को हुआ, उसे जोड़ें तो भी 4 ही आता है... आज झरोखा में हम जानेंगे सिनेमा के सिकंदर दो भाईयों से जुड़े अनसुने किस्से के बारे में...
अशोक कुमार का जन्म 13 अक्टूबर 1911 को भागलपुर में हुआ था. कानून की पढ़ाई में नाकाम हुए और फिर बहन के साथ रहने के लिए बॉम्बे चले गए. बहन की शादी तब तक शशधर मुखर्जी (Sashadhar Mukherjee) से हो चुकी थी. मुखर्जी बॉम्बे टॉकीज (Bombay Talkies) का अहम हिस्सा थे. बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय (Himanshu Rai) थे और उनकी पत्नी देविका रानी (Devika Rani) स्टूडियो की लीड ऐक्ट्रेस थीं.
अशोक ने अपने बहनोई से बॉम्बे टॉकीज में नौकरी के लिए कहा. बस फिर क्या था, अशोक को बॉम्बे टॉकीज में लैबोरेट्री असिस्टेंट की नौकरी मिल गई..
1936 में फिल्म जीवन नैया की शूटिंग के दौरान जब अभिनेता नजम-उल-हसन (Actor Najam Ul Hassan) और देविका रानी के अफेयर की खबर आई तो हिमांशु ने नजम को बॉम्बे टॉकीज से दूध में गिरी मक्खी जैसे निकाल बाहर किया... नए अभिनेता की तलाश हुई... अशोक कुमार का लुक देख हिमांशु प्रभावित हुए. बस यहीं से अशोक की जिंदगी ने यू टर्न ले लिया.
'जीवन नैया' रिलीज हुई और सुपरहिट साबित हुई. अशोक कुमार ने शोभा देवी से शादी की. उन्होंने पारिवारिक जिंदगी जीयी वहीं छोटे भाई किशोर कुमार ने कामयाबी हासिल तो की लेकिन उनकी निजी जिंदगी उलझन से भरी रही. प्रेम जीवन में भी उनका 4 वाला संयोग दिखाई दिया.
किशोर दा चार भाई-बहनों अशोक कुमार, सती देवी और अनूप कुमार में सबसे छोटे थे. किशोर के एल सहगल से प्रभावित थे... बनना सिंगर चाहते थे लेकिन भाई ने बना दिया अभिनेता... हीरो वाली फिल्में चली नहीं और गीत खूब चले.
आने वाला पल जाने वाला है... ज़रूरत है, जरूरत है... रूप तेरा मस्ताना... ये क्या हुआ... ओ मेरे दिल के चैन... जहाँ तेरी ये नज़र है... पल पल दिल के पास... किशोर कुमार ने कई यादगार गीत गाए. किशोर की आवाज लव सींस का दूसरा नाम बन गई... किशोर ने आवाज देकर राजेश खन्ना के गीतों को अमर कर दिया लेकिन खुद की जिंदगी में वह हमेशा प्यार के लिए तरसते रहे.
किशोर कुमार ने पहली बार 1950 में सत्यजीत रे (Satyajit Ray) की भतीजी, रुमा गुहा ठाकुरता (Ruma Guha Thakurta) से शादी की. यह शादी किशोर कुमार के परिवार को मंजूर नहीं थी, खासकर अशोक कुमार को क्योंकि किशोर कुमार का परिवार एक ब्राह्मण परिवार से था जबकि रूमा का परिवार बंगाली कायस्थ था.
किशोर कुमार शादी को लेकर ऐसे अड़े कि टस से मस नहीं हुए... 1951 में इस जोड़े ने शादी कर ली. अशोक कुमार अपने छोटे भाई से इतने नाराज थे कि उन्होंने गुस्से में किशोर कुमार को बॉम्बे टॉकीज से बाहर कर दिया. तब एसडी बर्मन ने किशोर की मदद की थी.
1952 में रुमा ने बेटे अमित कुमार को जन्म दिया. शादी के तुरंत बाद किशोर और रुमा के बीच अनबन शुरू हो गई थी. किशोर कुमार चाहते थे कि रुमा घर संभाले और बेटे की देखभाल करे लेकिन रुमा स्टारडम खोना नहीं चाहती थीं. शादी के 8 साल बाद 1958 में इस रिश्ते का अंत हो गया.
किशोर कुमार की दूसरी पत्नी मधुबाला (Madhubala) बनी... बॉलीवुड की सनसनी मधुबाला तब एक ट्रेंड सेटर बन चुकी थीं. मधुबाला ने दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ संबंध खराब होने के बाद किशोर कुमार के साथ शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया. किशोर कुमार और मधुबाला की शादी ने पूरे देश में हलचल मचा दी क्योंकि इस शादी के लिए किशोर कुमार ने धर्म भी बदल लिया था. उन्होंने करीब अब्दुल नाम रख लिया था. इस शादी को भी किशोर के परिवार ने कभी स्वीकार नहीं किया.
शादी से पहले मधुबाला के दिल में छेद हो गया था. मधुबाला का इलाज लंबा चला और उनके आखिरी लम्हों में दोनों डिप्रेशन में चले गए थे... मधुबाला ज्यादातर बिस्तर पर रही और किशोर अपनी आंखों के सामने अपने प्यार को खत्म होते देखे रहे. प्रीतीश नंदी के साथ एक साक्षात्कार में, किशोर ने कहा था, मुझे मधुबाला की बीमारी का पता था लेकिन मैं उसके साथ हंसा भी और रोया भी... मैं आखिरी लम्हें तक उसे हंसाता रहा...
मधुबाला की मौत के कई साल बाद किशोर कुमार को शम्मी कपूर की पहली पत्नी गीता बाली की भतीजी योगिता बाली (Yogita Bali) की बाहों में प्यार मिला. कहा जाता है कि किशोर कुमार से शादी के दौरान योगिता ने मिथुन चक्रवर्ती संग फिल्म की और इस दौरान दोनों करीब आ गए. किशोर कुमार और मिथुन (Mithun Chakraborty) के बीच दुश्मनी इस कदर बढ़ गई कि किशोर कुमार ने मिथुन के लिए गाना गाने से इनकार कर दिया. किशोर के इस फैसले ने बप्पी लहरी की चांदी ला दी. योगिता और किशोर कुमार का तलाक शादी के दो साल बाद ही हो गया था.
प्रीतीश नंदी के साथ इंटरव्यू में किशोर कुमार ने कहा था कि उनकी शादी एक मजाक थी...
बेहद डिमांडिंग एक्ट्रेस में से एक लीना चंदावरकर (Leena Chandavarkar) ने सिद्धार्थ बांदोडकर (Siddharth Bandodkar) के साथ बहुत कम उम्र में एक अरेंज मैरिज करने का फैसला किया. हालांकि, जल्द ही उनके साथ त्रासदी हुई और लीना महज 25 साल की उम्र में विधवा हो गई. लेकिन यहां एक दिलचस्प किस्से का जिक्र करना जरूरी है...
लीना चंदावरकर के पहले पति, सिद्धार्थ किशोर कुमार के बहुत बड़े प्रशंसक थे. लोनावला की यात्रा के दौरान, किशोर को उनकी तीसरी पत्नी योगिता बाली के साथ देखकर सिद्धार्थ ने लीना से पूछा था, 'अगर उन्होंने तुम्हें शादी का प्रस्ताव दिया तो क्या आप मंजूर करेंगी?' जिस पर लीना ने कहा था, 'कभी नहीं' लेकिन तब उन्हें क्या पता था कि सालों बाद वह किशोर कुमार की चौथी पत्नी बनेगी.
1979 में अपनी पहली बातचीत को याद करते हुए लीना चंदावरकर ने एक इंटरव्यू में कहा था:
"एक दिन, उनका ड्राइवर अब्दुल घर आया, उसने उन्हें किशोर का नंबर दिया और मुझे उन्हें कॉल करने के लिए कहा. जब मैंने उसे फोन किया, तो उसने तुरंत फोन उठाया और कहा, 'लीना! मैं आपकी आवाज सुनने का इंतजार कर रहा था. वह सुबह मुझे फोन करते और परिचय दिए बिना बात शुरू कर देते थे. वह मुझे हंसाते थे. मुझे उनसे तुरंत प्यार नहीं हुआ, लेकिन जब मैं उनके साथ होती तो मुझे सुरक्षित महसूस होता था.
किशोर को महिलाओं का काम करना पसंद नहीं था. मुझे उनके अंदर मौजूद एक बचपन दिखाई दिया और मैं उसी पर मर मिटी थी. एक बार हम दिल्ली के एक बाजार में गए. वहां उन्होंने मसूर की दाल देखी. तुरंत कहा, 'चलो मसूरी!' मुझे ऐसी ही जिंदगी की जरूरत थी.
13 अक्टूबर 1987 की सुबह किशोर कुमार ने भाई अशोक कुमार को जन्मदिन की बधाई दी... लीना चंदावरकर ने इस दिन के बारे में बताया था कि उस रोज किशोर का चेहरा थोड़ा पीला लग रहा था. उस दिन घर पर उनकी कई मीटिंग थीं. दोपहर के लंच के दौरान उन्होंने कहा कि हम शाम को रिवर ऑफ नो रिटर्न फिल्म देखेंगे. थोड़ी देर बाद लीना ने उनके अगले कमरे में फर्नीचर हिलने की आवाज सुनी. जब वह देखने गई कि क्या हो रहा है, तो किशोर बिस्तर पर लेटे थे..
घबराते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे कमजोरी महसूस हो रही है'. मैं डॉक्टर को बुलाने के लिए दौड़ी... उन्होंने गुस्सा किया और कहा, 'अगर आप डॉक्टर को बुलाएंगी, तो मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा... यही किशोर के आखिरी शब्द थे... कुछ देर बाद उनकी आंखें खुली की खुली रह गई... लीना को लगा कि वह मजाक कर रहे हैं लेकिन यह सत्य था....
इस दर्दनाक किस्से के बाद किशोर से 18 साल बड़े उनके भाई ने कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाया....
चलते चलते 13 अक्टूबर की दूसरी घटनाओं पर एक नजर डाल लेते हैं...
1760 - जर्मनी की राजधानी बर्लिन से रूस और ऑस्ट्रिया की सेना हटाई गईं
1948 - पाकिस्तानी गायक नुसरत फतह अली खां (Nusrat Fateh Ali Khan) का जन्म हुआ
1999 - अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने