Yati Narsinghanand hate speech: अगर एक बार मुस्लिम प्रधानमंत्री (Muslim PM) बना तो अगले 20 साल में 50 प्रतिशत हिंदुओं का धर्मांतरण हो जाएगा, 40 प्रतिशत की हत्या कर दी जाएगी और बाकी बचे 10 प्रतिशत या तो शरणार्थी शिविरों में होंगे या दूसरे देश में होंगे.'
महंत यति नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) ने दिल्ली के मुखर्जीनगर में आयोजित हिंदू महापंचायत के दौरान यह बात कही है.
यह पहली दफा नहीं है जब यति नरसिंहानंद ने इस तरह का भड़काऊ बयान दिया हो... दिल में नफरत फैलाने की शुरुआत नरसिंहानंद काफी पहले से कर चुके हैं.
साल 2021 में 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित ‘‘धर्म संसद’’ के दौरान भी नरसिंहानंद ने कुछ ऐसा ही कहा था... उन्होंने कहा, 'मुसलमानों के मारने के लिए अब तलवार की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि अब तलवार से वो आपसे मरेंगे भी नहीं, तलवार से नहीं मरने वाले हैं वो. आपको टेकनिक में उनसे बहुत आगे जाना होगा, वो बहुत अच्छे हथियार लेकर बैठे हैं.'
हालांकि इस मामले में नरसिंहानंद पर मामला दर्ज है और वह जमानत पर है. इसके बावजूद भड़काऊ बयान को लेकर नरसिंहानंद किसी तरह का गिल्ट नहीं महसूस कर रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों में नरसिंहानंद की जो तस्वीरें सामने आईं है क्या इसमें आपको कोई जवाब मिलता है? इस वीडियो में नरसिंहानंद, पुलिसवालों के साथ दिखाई दे रहे हैं.
इससे पहले भड़काऊ बयान को लेकर नरसिंहानंद पर मामला दर्ज हो चुका था. लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी. बदले में यति नरसिंहानंद कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराने थाने पहुंच जाते हैं. आख़िर का यह बयान भी सुनिए जिसके बाद पुलिस वाले समेत वहां मौजूद सभी लोग ठहाके मार कर हंसने लगते हैं.
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जनवरी 2022 में यति नरसिंहानंद महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान देते हैं और कहते हैं कि जो महिला केवल एक बेटे पैदा करे वह नागिन है.
वहीं मु्स्लिम महिलाओं को लेकर भी उनका एक शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो कहते हैं कि मुस्लिम महिलाएं, इस्लाम की सेवा के लिए किसी के नीचे बिछ जाती हैं.
इतना ही नहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर गिरफ्तार कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए यति नरसिंहानंद ने महात्मा गांधी को गंदगी बता दिया था. उन्होंने कहा था, 'गांधी नामक गंदगी के कारण जिसने स्वामी कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी की है, मां काली और महादेव उनका विनाश करेंगे. संत समाज कालीचरण महाराज के साथ है.
साल 2021 के इस वायरल वीडियो से यति नरसिंहानंद की सुर्खियों में आने की शुरुआत हुई थी. जिसमें एक युवक इस 14 साल के लड़के का हाथ पकड़ कर पहले उसका नाम पूछता है और नाम सुनने के बाद उसकी पिटाई शुरू कर देता है.
नरसिंहानंद का प्रभाव कितना ज्यादा है, इसे मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे इस बोर्ड से भी समझा जा सकता है, जो स्पष्ट चेतावनी देता है, ‘ये मंदिर हिंदुओं का पवित्र स्थल है, यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है.’
डासना-गाजियाबाद बेल्ट में दंगों और अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर कई एफआईआर में नामजद होने के बावजूद अब तक महंत पर बहुत ही कम आरोप टिक पाए हैं. उन्हें पहले भी दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन हर बार जमानत पाने में कामयाब रहे.
नरसिंहानंद का असली नाम दीपेंद्र नारायण सिंह है और उनका जन्म 1972 में बुलंदशहर के हिरनोट गांव में हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई करने वाले नरसिंहानंद दावा करते हैं कि 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल करने के लिए वो मॉस्को गए थे.
14 साल के मुसलमान बच्चे के पीटने से लेकर अब तक यति नरसिंहानंद की जिंदगी काफी बदल चुकी है. महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती, हिंदू संतों के सबसे बड़े संप्रदाय 'जूना अखाड़े' के महामंडलेश्वर हैं. जिसे देश के 13 अखाड़ों या हिंदू मठों के क्रम में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.
द प्रिंट से बात करते हुए डासना देवी मंदिर के प्रबंधक अनिल यादव बताते हैं कि ‘विधायक बनने के इच्छुक भाजपा के कई उम्मीदवारों’ ने अपने चुनाव अभियानों में नरसिंहानंद की मदद ली. कुछ खबरों के मुताबिक अलीगढ़ के विधायक अनिल पाराशर भी चुनाव से पहले नरसिंहानंद के समर्थन में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
पूर्व नगर पार्षद सत्येंद्र चौहान ने दिप्रिंट को बताया कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी डासना आई थीं. चौहान ने दावा किया, ‘वह 2019 के संसदीय चुनावों के दौरान प्रचार के लिए गुरुजी को भोपाल ले गई थीं, गिरिराज सिंह उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बेगूसराय ले गए थे, जब 2019 में वह इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे.’ महंत के भक्तों का दावा है कि विहिप में भी उनके कई उत्साही अनुयायी हैं.
हालांकि, भाजपा के आला पदाधिकारी आमतौर पर नरसिंहानंद से सुरक्षित दूरी बनाकर रखते हैं. लेकिन जिस तरह से मामले दर्ज होने के बावजूद वह खुलेआम देश में घूम-घूम कर इस तरह के भड़काऊ बयान दे रहे हैं. क्या उससे यह लगता है कि महंत को किसी का शह नहीं मिला है और सरकार इन भड़काऊ बयान को लेकर बेहद सख्त है?