Prophet Muhammad controversy: पैगंबर मोहम्मद साहब पर बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं की विवादित टिप्पणी पर भारत से सबसे पहले माफी की मांग करने वाले कुवैत ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर भारत लौटाने का फैसला किया है. गिरफ्तार कर भारत वापस भेजे जा रहे लोग वे हैं जो बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद कुवैत में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
इतना ही नहीं इकनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि प्रदर्शनकारी प्रवासियों को हमेशा के लिए कुवैत घुसने से रोका जा सकता है.
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इसकी मुख्य वजह यह है कि कुवैत में किसी भी विदेशियों को प्रदर्शन या आंदोलन का अधिकार नहीं है. जानकार मानते हैं कि कुवैत इस तरह के फैसले से प्रवासियों के सामने एक मिसाल पेश करना चाहता है. जिससे भविष्य में देश के अंदर इस तरह की घटना ना हो.
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या महज 40-50 के करीब थी. इतना ही नहीं ये लोग पैगंबर के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे. इसके बावजूद कुवैत सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त एक्शन लिया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कुवैत सरकार उन स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई करने वाली है, जो इस धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे. सोचिए कुवैत ने कानून के आगे धर्म को तवज्जो नहीं दी.. क्या भारत में मौजूदा दौर में संभव है कि कोई भीड़, जय श्री राम के नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रहा हो और सरकारें उनके खिलाफ एक्शन ले ले.... सोचिए... अगर याद नहीं आ रहा हो तो गूगल कर लीजिए और देखिए की दिल्ली नें हनुमान जयंती के दिन झांकी के नाम पर क्या हुआ था और हिंसक प्रदर्शन होने पर कार्रवाई हुई तो किनके खिलाफ़? क्योंकि दिल्ली पुलिस के पास अब वह हुनर है, जिससे वह कपड़ों से पहचान लेती है कि आग लगाने वाले लोग कौन हैं?
सोचिए यह वही कतर है जिसने विवादित बयान की जानकारी मिलते ही बिना विलंब किए, बिना किसी की परवाह किए भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया और आधिकारिक विरोध नोट सौंपते हुए, पैगंबर के खिलाफ भाजपा नेता की टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज किया और बयान की निंदा की.
इतना ही नहीं मंत्रालय ने अलग से बयान जारी कर कहा कि कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है. यानी धर्म पर कुछ भी बर्दाश्त नहीं है लेकिन इस नाम पर राजनीति करने वाले को भी नहीं बर्दाश्त किया जाएगा...
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आपकी जानाकारी के लिए बता दूं, कुवैत भारत के सबसे पुराने सहयोगी देशों में से एक है. भारत का यहां के शाही परिवार से ऐतिहासिक संबंध हैं. भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कुवैत, भारत को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश था. भारत अपनी जरूरत के ऑयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा कुवैत से लेता है. कुवैत में काम करने वाले भारतीयों की कुल संख्या 4.5 लाख के करीब है. भारत को इनसे 5.5% विदेशी मुद्रा मिलती है.