On This Day in History 06 Jan: हर दिन का इतिहास अपनी अलग कहानी बयां करता है. इसी क्रम में आज हम जानेंगे 6 जनवरी के इतिहास के बारे में. 6 जनवरी 1989 में आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) के हत्यारों को फांसी दी गई थी. 31अक्टूबर साल 1984 में इंदिरा गांधी को उनके सरकारी आवास पर उन्ही के अंगरक्षकों के द्वारा गोली मार (shot by bodyguards) दी गई थी. इस मामले में सतवंत सिंह और केहर सिंह (Satwant Singh and Kehar Singh) को दोषी ठहराया था जिन्हे बाद में फांसी दी गई. वहीं एक अन्य सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह को उसी समय गोली मार दी गई थी.
इतिहास के दूसरे अंश में बात दिग्गज अभिनेता ओम पूरी साहब (Actor Om Puri) की करेंगे. 6 जनवरी 2017 को आज ही के दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा (Om Puri death anniversary) कहा था. अभिनेता ओमपुरी कमाल के कलाकार थे उनकी एक्टिंग की ललक ने ही उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (National School of Drama) पहुंचाया था. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मराठी फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी. लेकिन साल 1983 में आई फिल्म 'अर्ध सत्य' ने उन्हें सिनेमा की दुनिया में अलग पहचान दिलाई. 'आक्रोश', ''घायल', 'चाची 420' और 'मकबूल' उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार है.
इतिहास के तीसरे अंश में बात सूचना और प्रद्योगिकी की करेंगे. 6 जनवरी साल 1838 में आज ही के दिन सैमुएल मोरसे (samuel morse) ने पहली बार दुनिया के सामने टेलीग्राफ (telegraph) तकनीक को पेश किया था. टेलीग्राफ से विद्युत आवेशों के जरिये कोडेड मैसेज को तार के रास्ते भेजना संभव हो पाया. आगे चलकर ये तकनीक सूचना प्रद्योगिकी के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई.
2002: बांग्लादेश की मुद्रा से पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान का चित्र हटाया गया.
1983: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पहली बार आंध्र प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.
1980: सातवें लोक सभा चुनाव में इंदिरा गांधी की नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला.
1976: चीन ने लोपनोर क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया गया
1950: ब्रिटेन ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता प्रदान की.
1947: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी ने भारत का विभाजन स्वीकार किया.
1929: मदर टेरेसा भारत में उपेक्षित और गरीब लोगों की सेवा करने के लिए कलकत्ता (अब कोलकाता) लौटीं.
1664: छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत पर हमला किया.