Over 86% of employees may resign in next 6 months: देश का एक बड़ा वर्ग, अब नौकरी (Job) से परेशान हो गया है और अपनी लाइफ को बैलेंस करने के लिए नौकरी छोड़ने (Resigning Job) तक पर विचार कर रहा है... रिक्रूमेंट एजेंसी माइकल पेज ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार अगले 6 महीन में 86 फीसदी कर्मचारी (Employees) अपनी नौकरी से इस्तीफा देना चाहते हैं. इनमें से 61 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं, जो अपनी वर्क लाइफ (Work Life) को बैलेंस करने के लिए नौकरी छोड़ना चाहते हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले कुछ महीनों में बेहतरीन टैलेंट का माइग्रेशन (Talent Migration) शुरू होने वाला है और आगे भी यह जारी रहेगा. लगभग 11 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) कल्चर से तंग आकर नौकरी छोड़ने की फिराक़ में है.
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करीब 45 करोड़ लोगों ने छोड़ दी नौकरी
यह खबर आपको हैरान कर सकती है, क्योंकि अपने देश में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो नौकरी के लिए अब भी धक्के खा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 45 करोड़ लोगों ने हताश होकर नौकरी की तलाश ही छोड़ दी. नौकरी छोड़ने वालों में कई ऐसे लोग हैं जो योग्यता के अनुसार काम नहीं मिलने से परेशान हैं. ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से 2022 के बीच कुल कामगारों की संख्या 46 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत रह गई है.’
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि इतनी भारी संख्या में लोग नौकरी छोड़ने को तैयार हैं?
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अमेरिका-यूरोप में हुआ था सामूहिक इस्तीफा (Mass resignation)
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि भारत से पहले यूरोप और अमेरिका में भी ऐसा हो चुका है. नवंबर 2021 में एक रिपोर्ट आई थी. जिसमें दावा किया गया था कि यूरोप और अमेरिका में तेजी से लाखों लोग नौकरियां छोड़ रहे हैं. अमेरिका की एजेंसी यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के अनुसार अगस्त-2021 में रिकॉर्ड तोड़ 4.3 मिलियन लोगों ने अपनी नौकरी छोड़ी. जो जुलाई में दिए इस्तीफों से 2,42,000 अधिक थी.
जर्मनी में भी लोग तेजी से इस्तीफा दे रहे हैं. माना जा रहा है कि लोग जरूरत से ज्यादा काम के दबाव से परेशान हैं. इसके साथ ही अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव चाहते हैं. नौकरी छोड़ने वालों का मानना है कि कम वेतन, मालिकों के बुरे बर्ताव और ज्यादा समय तक काम करने को लेकर वह ऊब चुके हैं.
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भारत में भी युवा छोड़ रहे हैं नौकरी?
तो क्या भारत में भी अब यह ट्रेंड शुरू हो चुका है. ऐसा नहीं है कि भारत में पहली बार इस तरह युवाओं में नौकरी छोड़ने का ट्रेंड बढ़ा है. इससे पहले भी कई अच्छी सैलरी पाने वाले लोगों ने नौकरी छोड़ कर खेतीबारी शुरू की है या फिर अपनी पसंद के स्टार्टअप या रोजगार से जुड़े हैं.
अभी पिछले महीने ही एक खबर आई थी जिसमें एक आइआइटीएन दंपती ने लाखों का पैकेज छोड़, उज्जैन के पास जमीन खरीद ली और गैंती-फावड़ा उठा कर खेती में जुट गए.
वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स में नौकरी करने वाले एक इंजीनियर ने सलाना 3.4 करोड़ रुपए से भी अधिक का पैकेज छोड़ अपना ही बिज़नेस शुरू कर दिया. जानकारी मिली कि इंजीनियर के प्रोफेशनल लाइफ में चीजें, उनके मनमुताबिक चल नहीं रही थी. आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़ दी....
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सवाल उठता है कि रिपोर्ट में जो दावा किया गया है कि 86 प्रतिशत लोग नौकरी छोड़ देंगे, उनकी कहानी और इस तरह से नौकरी छोड़ कर दूसरे व्यवसाय से जुड़ने वाले लोगों की मनोदशा एक ही है या वजह कुछ और ही है....