चुनावी मौसम में जहां राजनीतिक दिग्गजों के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप, वार पलटवार है वहीं खबरों में सट्टा बाजार है...यूं तो चार जून को तस्वीर साफ हो ही जाएगी कि देश ने सत्ता की बागडोर किसके हाथों में सौंपी है लेकिन सट्टा बाजार का अनुमान भी कम मायने भला कहां रखता है. मतगणना की ओर बढ़ते देश की नजरें सट्टा बाजार और राजनीतिक पंडितों के अनुमानों पर लगी हैं. ऐसे में ये जानना दिलचस्प हो जाता है कि बहुमत का ऊंट किस करवट बैठेगा...तो कुर्सी की पेटी बांध लीजिए-
लोकसभा चुनाव का छठा चरण बीतते ही सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रहे बीजेपी नेताओं को धक्का लगा है. यकीन न हो तो फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान ही देख लीजिए.
राजस्थान के प्रसिद्ध फलोदी सट्टा बाजार ने पांचवें चरण के बाद बीजेपी के खाते में 300 से ज्यादा सीटें आने की बात कही थी लेकिन अब बीजेपी का ग्राफ गिरकर 300 से नीचे आ गया है जो जाहिर तौर पर एक बड़ा झटका है. वहीं कांग्रेस के लिए इसके आंकड़े बड़ी राहत बनकर उभरे हैं. सट्टा बाजार के आंकड़े के मुताबिक कांग्रेस का आंकड़ा बढ़कर 70 से 85 सीटों तक पहुंच गया है.
फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान इन नंबरों से ही समझिए-
बीजेपी- 306-308 सीटें गिरने का निशान 300 से नीचे
कांग्रेस- 59-61 सीटें उठने का निशान 70 से 85 सीटें
(छठे चरण तक)
छठे चरण के बाद फलोदी सट्टा बाजार के आंकड़े कांग्रेस के लिए तपती जमीन पर बारिश की बूंदों जैसी राहत देने वाले साबित हो रहे हैं.
चलिए ये बात तो ओवरऑल रही अब जरा राज्यवार सीटों पर भी गौर कर लेते हैं-
उत्तर प्रदेश - बीजेपी- 60-65 सीटें
ओडिशा: भाजपा को 11-12 सीटें
झारखंड: भाजपा को 10-11 सीटें
दिल्ली: भाजपा को 6-7 सीटें
हरियाणा: भाजपा को 5-6 सीटें
(छठे चरण तक)
क्यों जरूरी है फलोदी सट्टा बाजार के आंकड़े?
बात अगर फलोदी सट्टा बाजार की करें तो क्रिकेट मैच, मौसम और चुनाव में इसकी भविष्यवाणी अधिकतर सच ही साबित हुई हैं या इसके अनुमान के करीब रही हैं. यही कारण है कि इसके अनुमान ने राजनीतिक दिग्गजों की नींद उड़ा दी है तो कइयों को बड़ी राहत दी है.
ये तो बात हुई फलोदी सट्टा बाजार की...राजनीतिक विश्लेशकों की सबसे बड़े चुनाव पर की गई भविष्यवाणी भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसी कड़ी में जनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के मत अलग-अलग हैं. योगेंद्र यादव ने जो कहा, पहले उसे सुन लीजिए-
"इस चुनाव में कांग्रेस को 85 से 100 सीटें मिलने का अनुमान हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के खाते में 120 से 135 सीटें जा सकती हैं. यूपी और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में बीजेपी को काफी सीटों का नुकसान हो सकता है. अगर सातवें चरण में INDIA अलायंस अपनी लड़ाई तेज कर दे तो वो बीजेपी -NDA को पछाड़ सकता है."
तो वहीं चुनावी रणनीतिकार और विश्लेषक प्रशांत किशोर के पांचवें चरण के बाद का अनुमान छठे चरण में बदल गया है और उन्होंने कहा-
"बीजेपी 2019 के प्रदर्शन को दोहराएगी लेकिन 370 सीटों से अधिक नहीं जीत पाएगी. BJP / NDA को 275-305 सीटें मिल सकती हैं. BJP के लिए अपने दम पर 370 सीटें हासिल करना असंभव होगा और NDA को 400 सीटें नहीं मिलेंगी. BJP को उत्तर और पश्चिम में कोई बड़ा झटका नहीं लग रहा है, जबकि दक्षिण और पूरब में उसकी सीटें बढ़ेंगी."
जो भी हो दावे तो बहुत हो रहे हैं लेकिन महज दो हफ्तों में तस्वीर साफ हो जाएगी. इस कड़ी में मशहूर शायर ख़ुर्शीद अकबर का वो शेर याद आता है-
सरों पर ताज रक्खे थे क़दम पर तख़्त रक्खा था
वो कैसा वक़्त था मुट्ठी में सारा वक़्त रक्खा था
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