Pune Porsche Accident: पुणे पोर्शे कांड के आरोपी रईसजादे की करतूत ने ना सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को ये सोचने को मजबूर कर दिया है कि करोड़पति पिता की बिगड़ी औलाद के पास गाड़ी चलाने का लाइसेंस हो ना हो लेकिन लोगों की जान लेने का लाइसेंस जरूर होता है?
पुणे में 17 साल आठ महीने का लड़का शराब के नशे में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2 करोड़ रुपये की कार चलाता है. मध्य प्रदेश के रहने वाले अनीश और अश्विनी नाम के दो इंजीनियर को अपनी कार से रौंदकर मार देता है. लेकिन एक बड़े बिल्डर के बेटे को 15 घंटे में जमानत मिल जाती है. अपने बिल्डर पिता के रसूख, पैसे के दम पर नाबालिग लड़के ने शराब के नशे में बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए दो लोगों की जान ले ली. लेकिन जहां सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, वहां ये लड़का सिर्फ 15 घंटे में छूट जाता है.
अदालत से इसे 300 शब्दों का निबंध लिखने जैसी शर्तों पर आसानी से बेल भी मिल जाती है. लेकिन सोशल मीडिया से लेकर मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बाद दबाव में आई महाराष्ट्र सरकार पुलिस को एक्शन लेने के निर्देश देती है.
पुणे हिट एंड रन केस में करोड़पति शहजादे के बिजनेसमैन पिता को लेकर भी कई जानकारियां सामने आई हैं. वो कोई मामूली बिजनेसमैन नहीं था.
लेकिन हिट एंड रन कांड के तूल पकड़ने के बाद दबाव में आई पुणे पुलिस ने आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही उस बार के खिलाफ भी सीलिंग की कार्रवाई की गई है, जहां नाबालिग आरोपी को शराब परोसी गई. आरोपी भले ही नाबालिग है, लेकिन उनसे पुणे के कोजी बार में अपने दोस्तों संग पार्टी की, शराब पी. और इसका बिल पूरे 48 हजार रुपये चुकाया गया. अब पुलिस ने दो बार को सील कर इसके मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की सुबह की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 15 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई. कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज स्पीड से कार को चला रहा था.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के इस आदेश पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी निंदा की है. पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, 'हमने किशोर न्याय बोर्ड के आदेश के खिलाफ जिला अदालत में अपील की है. और पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार और पुलिस दोनों ही दबाव में है. ऐसे में साफ है कि करोड़पति रईसजादे को उसके किए की सजा जरूर मिलने वाली है.
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