Prophet Muhammad Controversy: पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान से जिस बहस की शुरुआत हुई थी... वह बीजेपी (BJP) की प्राथमिक सदस्यता रद्द होने के बावजूद खत्म होती नहीं दिख रही है. इराक, लीबिया, ईरान, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बहरीन, मालदीव, इंडोनेशिया, समेत करीब 16 देशों ने बीजेपी नेताओं की विवादित टिप्पणियों को लेकर भारत की निंदा की है. कई देशों ने तो भारत से माफी मांगने तक को कहा...
नौबत यहां तक आ गई कि विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) को बयान जारी कर कहना पड़ा कि ऐसे बयान भारत का आधिकारिक मत नहीं है, बल्कि फ्रिंज एलिमेंट्स की राय है...सोचिए देश में बीजेपी (BJP) की सरकार है. लेकिन गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी की वजह से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को ना केवल विश्व के सामने पीछे हटना पड़ा, बल्कि अपने ही प्रवक्ता को फ्रिंज एलिमेंट्स तक कहना पड़ा...
और पढ़ें- Nupur Sharma Controversy: 'पैगंबर मोहम्मद की जय' बोलने वाले को देशनिकाला... Kuwait की यह कैसी डिप्लोमेसी?
सवाल उठता है कि नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बीजेपी (BJP) का प्रवक्ता किसने बनाया और किस आधार पर बनाया था... दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी क्या बिना सोचे-समझे किसी को भी प्रवक्ता बना देती है...
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की प्रवक्ता की एक गलती की वजह से आज सभी देशों को बोलने का मौका मिल गया है... खाड़ी देशों के साथ हमारे संबंध काफी अच्छे रहे हैं. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि यूएई, सऊदी अरब और इराक, तीनों देश भारत के तीसरे, चौथे और पांचवे बड़े ट्रेड पार्टनर हैं. इसके अलावा इन इलाकों में लाखों भारतीय रहते हैं और अरबों डॉलर कमाकर भारत भेजते हैं. यही वजह थी कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने भारत की सत्ता संभाली तो विदेशी नीति में खाड़ी के देशों को काफी तवज्जो दी गई...
और पढ़ें- क्या अगले छह महीने में 86 फीसदी कर्मचारी छोड़ देंगे नौकरी?
हालांकि इस विवाद की वजह से अब कुवैत से लेकर कतर तक भारतीय सामानों का बहिष्कार शुरू हो चुका है. इन सब घटना में महत्वपूर्ण यह है कि नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट के दौरान जो कुछ भी कहा उसको लेकर देश के अंदर और बाहर सभी को बोलने और एकजुट होने का मौक़ा मिल गया है.
यही वजह है कि इस्लामिक देशों के संगठन OIC ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए भारत को घेरते हुए संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से अपील की है कि भारत में मुसलमामों को निशाना बनाने के खिलाफ जरूरी कदम उठाए जाएं. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मार्च 2019 में UAE ने जब भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को OIC की बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने धमकी दी थी कि वह OIC की बैठक का बहिष्कार करेंगे. लेकिन UAE ने कुरैशी की धमकी को खारिज कर दिया और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओआईसी की बैठक को संबोधित किया.
और पढ़ें- पेट्रोल-डीजल, कोरोना, देश का सम्मान...PM मोदी के वो 7 दावे जो पड़ गए उल्टे
यह तो हुई विदेश की बात...अब करते हैं देश की बात...कानपुर में पिछले शुक्रवार को इसी मसले को लेकर हिंसा भड़क गई थी, तब पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पास के परौंख गांव में सरकारी दौरा था.
इस घटना के बाद से मुजफ्फरनगर से काशी तक यूपी में सख्ती बरती जा रही थी. आसमान में ड्रोन से जुमे की निगरानी की जा रही थी तो जमीन पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी. इसके बावजूद सहारनपुर, कानपुर, मोरादाबाद, लखनऊ समेत कई छोटे बड़े शहरों से विरोध प्रदर्शन की खबर आ रही है. प्रयागराज से भी पथराव और झड़प की खबरें हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार और हैदराबाद के कुछ इलाकों से भी प्रदर्शन की खबर आई है.
और पढ़ें- Prithviraj Chauhan: मुगलों पर भर-भर कर लिखा, हिंदू राजाओं को किया इग्नोर.... Akshay कितने सही?
इससे पहले राजधानी दिल्ली के जामा मस्जिद में लोग अपने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन में उतर आए...प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होनी चाहिए, बीजेपी से निलंबित करना या बर्खास्त करना काफी नहीं है. हालांकि जामा मस्जिद के शाही इमाम का कहना था कि ये ओवैसी के लोग हैं.
सवाल उठता है कि क्या दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, बीजेपी प्रवक्ता के एक गलत बयान की वजह से आने वाले दिनों में मोदी सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली है. क्योंकि इस बयान के खिलाफ पूरे देश में मुसलमानों का प्रदर्शन शुरू हो चुका है.
और पढ़ें- Rajasthan: पीएम मोदी के सामने सरकारी योजनाओं को लेकर कहलवाया गया झूठ, अपराध कहलाएगा या नहीं?
तो क्या जिस तरह राम के नाम पर देश में हिंदुओं को इकट्ठा करने की कवायद शुरू हुई और बाद में उसका भरपूर राजनीतिक इस्तेमाल हुआ, आने वाले दिनों में अब पैगंबर मोहम्मद के नाम पर भी देश में अब मुस्लिम समुदाय इकट्ठा होने जा रहा है... और आने वाले समय में इसका भी राजनीतिक इस्तेमाल होगा.. या फिर यह भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट की तरह खत्म हो जाएगा?...