Protest against Agnipath Scheme: बेरोजगार युवाओं के लिए देश में नौकरियों का मानसून आ चुका है. केंद्र सरकार रोजगार की बारिश कर रही है लेकिन छात्र हैं कि विरोध में सड़क पर उतर गए हैं. बिहार के छात्रों को मोदी सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्र इसे जले पर नमक बता रहे हैं.
मुजफ्फरपुर और बक्सर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि इन लोगों ने दो साल पहले ही मेडिकल और फिजिकल परीक्षा पास कर ली थी लेकिन अब तक रिटेन तक नहीं हुए हैं. ऐसे में सरकार ने 4 साल वाली 'स्कीम' निकालकर जले पर नमक छिड़का है.
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मुजफ्फरपुर के युवाओं का कहना है कि नौकरी के लिए उनकी उम्र गुजर रही है और सेना में भर्तियां रोक दी गई हैं. वहीं बक्सर के नाराज छात्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की इस योजना में ही झोल है. सिर्फ चार साल बाद रिटायरमेंट दे दी जाएगी. आगे फिर हम क्या करेंगे? सोचिए 18 से 22 साल के 75% बच्चे 22-26 साल की उम्र में बेरोज़गार हो जाएंगे.
हालांकि सरकार का तर्क है कि चार साल पूरे होने के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाएगा. लेकिन दसवीं या बारहवीं पास कर अग्निवीर बनने वाले 75 फीसदी युवाओं का क्या? उन्हें दूसरी नौकरी दिलवाने के लिए सरकार के पास क्या कोई स्कीम है?
क्या आपने कभी सोचा है तीस हजार या चालीस हजार के लिए सेना में भर्ती होने वाले लड़के कौन होते हैं. यह किसी बड़े घर के लड़के नहीं होते हैं. यह किसान या गरीब के बेटे होते हैं, जिनपर बहनों की शादियों से लेकर बूढ़े मां-बाप की देखभाल और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है. क्या चार साल में उनकी ज़िम्मेदारी पूरी हो जाएगी?
यह बात तो रोजगार और युवाओं के भविष्य के नज़रिए से हुई, अब देश की सुरक्षा के नजरिए से भी समझ लेते हैं.
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्मी में एक बेहतर जवान को तैयार होने में 7-8 साल लग जाते हैं, ऐसे में अग्निवीर महज 6 महीने में ट्रेंड कैसे हो पाएंगे. इसके साथ ही अग्निवीर जवानों को हमेशा अपने परिवार की चिंता लगी रहेगी. वह किसी तरह अपना 3-4 साल पूरा कर निकलने की फिराक में रहेगा.
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तीन-चार साल की नौकरी वाला जवान अपनी जान हथेली पर रखकर क्यों लड़ेगा? इतना ही नहीं देश के लिए एक और चुनौती बढ़ जाएगी, क्योंकि इन अग्निवीरों को आसानी से रेडिकलाइज करने का डर बना रहेगा...
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार भी 5 सालों के लिए चुनी जाती है, फिर युवाओं को सिर्फ 4 साल देश की सेवा करने का मौका क्यों?
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस स्कीम का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार सेना की गरिमा से समझौता बंद करे. इससे हमारे सशस्त्र बल पर असर पड़ेगा. दुखद यह भी है कि तेजस्वी, अखिलेश जैसे नेता जो चुनाव के समय बेहद एक्टिव नजर आते हैं इन दिनों चुपचाप हैं.
कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस मुद्दे को लेकर जो तत्परता दिखाई जानी चाहिए थी, वह नहीं दिखाई जा रही है. केवल बयानबाजी से कोटा पूरा किया जा रहा है.
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क्या आपको भी नहीं लगता सेना का मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा है, ऐसे में फ़ौजियों के साथ 4-4 साल वाला प्रयोग ठीक नहीं है? मैं इस मसले पर चर्चा शुरू करूं इससे पहले संदीप फ़ौजी का यह संदेश सुन लें... यह सरकार या विपक्ष में नहीं है लेकिन जो कह रहे हैं वह देशहित में है या नहीं सुनकर आप ख़ुद ही तय करें....