Bollywood Actress Rekha Birth Anniversary : 10 अक्टूबर को बॉलीवुड ऐक्ट्रेस रेखा का जन्मदिन है. इस दिन तमाम लेख, किस्से, कहानियों के जरिए लोग रेखा के गुजरे जमाने को याद करते हैं. हम भी आज रेखा का ही जिक्र करेंगे लेकिन किस्सा कुछ ऐसा है जिसे कम ही लोगों ने सुना है...
किस्सा शुरू करें उससे पहले फिल्म 'आस्था: इन द प्रिज़न ऑफ़ स्प्रिंग' (Aastha: In the Prison of Spring) का सारांश जान लेते हैं. फिल्म में मानसी यानी रेखा और अमर यानी ओमपुरी साहब एक शादीशुदा जिंदगी जी रहे थे... उनकी एक बेटी भी थी. अमर एक नौकरी कर रहा है, मानसी घर और बेटी को संभालती है.
अमर की आमदनी फिक्स्ड है. परिवार आराम से जिंदगी जी तो रहा है... लेकिन एक्स्ट्रा खर्चा हो जाए तो जान निकल जाती है.. एक दिन पति-पत्नी बेटी के लिए जूते लेने जाते हैं, मानसी को जैसे ही जूते की कीमत पता चलती है, उसका गला सूख जाता है... और वह जूते खरीदे बिना ही स्टोर से जाने लगते हैं... इसी बीच एक दूसरी फीमेल कस्टमर उसे रोकती है और जूते के पैसे चुकाने का ऑफर देती है.
मानसी न चाहते हुए भी इस ऑफर को स्वीकार कर लेती है... तब उसे ये नहीं पता था कि रीना ने जो कीमत चुकाई है, उसके पीछे एक राज है और यह मानसी को ऐसी दुनिया में ले जाने वाला था जो उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देता.
जूते के चंद पैसों की वजह से मानसी को आगे चलकर प्रॉस्टिट्यूशन की दुनिया में दाखिल होना पड़ता है. फिल्म में एक किरदार नवीन निश्चल का भी है, जो इसमें मिस्टर दत्त बनते हैं... इस फिल्म की भूमिका हमने इसलिए बताई क्योंकि डायरेक्टर बासु भट्टाचार्य की आखिरी फिल्म में रेखा ने कुछ ऐसा किया जो अब तक कम ही हिरोइने कर पाई थीं.
रेखा ने अभिनेता ओम पुरी के साथ 1997 की फिल्म 'आस्था: इन द प्रिज़न ऑफ़ स्प्रिंग' में काम किया था. फिल्म में ओम पुरी के साथ उनकी केमिस्ट्री ने दर्शकों को हैरान कर दिया था.... फिल्म भले बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, लेकिन रेखा और ओम पुरी के बीच फिल्माए गए तड़कते भड़कते सीन ने सभी का ध्यान खींच लिया था... ओम पुरी और रेखा ने भड़कीले रोमांस से दर्शकों का न सिर्फ मनोरंजन किया बल्कि उन्हें हैरान भी कर दिया... ओम पुरी को दर्शक अब तक मजबूर किरदारों में ज्यादातर देखते रहे थे लेकिन इस फिल्म में ओम पुरी ने भी लकीरें तोड़ दी थीं...
editorji हिन्दी के स्पेशल शो झरोखा में आज रेखा का जिक्र इसलिए क्योंकि आज ही के दिन बेहतरीन अदाकारा का जन्मदिन भी है... आज जानेंगे रेखा की जिंदगी के कुछ अनछुए किस्सों को... आइए आज का सफरनामा शुरू करते हैं.
आस्था फिल्म में रेखा और ओमपुरी के बीच एक सेक्स सीन दिखाया गया है... इसमें दोनों कुर्सी पर बैठे दिखाई दे रहे हैं. ऐसा बताया जाता है कि सीन में असली रंग घोलने के लिए रेखा और ओमपुरी हदें पार कर देते हैं. रेखा और ओम पुरी अपने लव सीन को फिल्माते वक्त फिजिकल हो गए थे. दोनों लव मेकिंग सीन में इस कदर घुल मिल गए थे कि जिस कुर्सी पर वे बैठे थे वह गिरते गिरते बची थी.
आस्था: इन द प्रिज़न ऑफ़ स्प्रिंग को प्रोड्यूस और डायरेक्ट बासु भट्टाचार्य ने किया. फिल्म में रेखा, ओम पुरी, नवीन निश्चल और डेज़ी ईरानी मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म को आलोचकों की तारीफ मिली और थोड़ी बहुत कमर्शल सक्सेस भी. बासु फिल्म का अंग्रेजी में रीमेक बनाने की योजना बना रहे थे, लेकिन जून 1997 में 62 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. फिल्म की सफलता को इंडियन आर्ट और कमर्शल सिनेमा के बीच की खाई को मिटाने के लिए भी याद किया गया. फिल्म ने ऐसा कमाल किया कि रेखा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए अवार्ड का नॉमिनेशन भी मिला.
फिल्म में, रेखा एक शादीशुदा महिला से वेश्या बन जाती हैं. उन्हें इसके लिए दर्शकों की आलोचना भी झेलनी पड़ी. फिल्म में अपनी भूमिका के बारे में रेखा ने बाद में कहा, "आस्था: इन द प्रिज़न ऑफ स्प्रिंग' के बाद लोगों के पास एक ऐसी पत्नी के किरदार के बारे में गॉसिप्स के लिए बहुत मसाला था जो एक वेश्या बनकर सपने पूरे करती है... मुझे अब कुछ भी करने में कोई समस्या नहीं है. मैं एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई हूं, जहां मैं अपने रास्ते में आने वाली किसी भी भूमिका के साथ इंसाफ कर सकती हूं. किरदार चाहे एक मां, भाभी का ही हो... निगेटिव, पॉजिटिव, सेंसेशनल हो या कुछ भी क्यों न हो.
ऐक्टर अमिताभ बच्चन के साथ रेखा के अफेयर को किसी परिचय की जरूरत नहीं है क्योंकि दोनों से जुड़ी कई अफवाहें आज भी इंटरनेट पर घूमती रहती हैं. इन सभी रिपोर्ट्स ने अमिताभ और उनकी पत्नी जया बच्चन के साथ संबंधों पर भी खूब असर डाला... स्टारडस्ट के साथ एक इंटरव्यू में, रेखा ने एक बार खुलासा किया था कि फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में अमिताभ के साथ उनके रोमांटिक सींस ने जया को इतनी तकलीफ दी थी कि वह इसे देखते हुए रोने लगी थीं...
उसी के बारे में बात करते हुए रेखा ने कहा था:
“एक बार मैं प्रोजेक्शन रूम के जरिए पूरे (बच्चन) परिवार को देख रही था, वे सब मुकद्दर का सिकंदर का ट्रायल शो देखने आए थे. जया आगे बैठी थी और अमिताभ व उनके माता-पिता पीछे बैठे थे. रेखा अच्छे से पूरे परिवार को देख पा रही थीं, लेकिन अमिताभ का परिवार उन्हें नहीं देख सकता था. रेखा और अमिताभ के इंटिमेट सींस के दौरान, रेखा ने जया को रोते हुए देखा था.
अब बात उस दौर की जब वीपी सिंह देश के वित्त मंत्री थे और रेखा को उनसे मिलने की जरूरत आन पड़ी थी... तब रेखा की मदद की थी पत्रकार संतोष भारतीय ने... संतोष भारतीय के वीपी सिंह और चंद्रशेखर दोनों से घनिष्ठ संबंध थे. रेखा से मुलाकात के दौरान वीपी सिंह ने कहा था कि संतोष भारतीय कभी भी मेरे बेडरूम में घुस सकते हैं.... इस पूरे किस्से का जिक्र भारतीय ने अपनी किताब 'वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं...' में किया है. रेखा के अनुरोध पर जब भारतीय ने उनसे मुलाकात की वजह जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स बेहद परेशान कर रहा है. पत्रकार भारतीय ने उनसे कहा कि आपकी समस्या शायद ही सुलझ सके क्योंकि वीपी सिंह ऐसी समस्याओं में नहीं पड़ा करते लेकिन आपको शायद मिलवा दूं...
संतोष भारतीय की कोशिश के बाद जब मुलाकात तय हो गई तो रेखा दिल्ली पहुंचीं. रेखा ताज होटल में ठहरी थीं. भारतीय उन्हें लेने अपनी फिएट कार से पहुंचे थे. मौसम पतझड़ का था. नई दिल्ली की सड़कें सूखे पत्तों से पटी थीं. रेखा ने भारतीय से गाड़ी को सूखे पत्तों पर चलाने को कहा. वे कार की अगली सीट पर थीं. कभी आंखें भी बंद कर लेती थीं. उन्होंने कहा कि सूखे पत्तों पर जब कार के पहिए चलते हैं तो जो आवाज होती है, उसे वह बार बार सुनना चाहती हैं. क्योंकि वैसी ही आवाज उनके दिल में भी होती है...
रेखा ने तब दिल्ली की सड़कों की तारीफ की थी. सूखे पत्तों के चरमराने और टूटने की आवाज जिस तरह रेखा सुन रही थीं और आंखें बंद कर मुस्कुरा रही थीं, उसे भारतीय ने शब्दों में बंया करने की मजबूरी भी बयां कर डाली. तब रेखा ने अचानक कहा था कि मैं तो दिल्ली आना चाहती हूं, यहीं रहना चाहती हूं पर वह मुझे लाता ही नहीं. न लेखक ने पूछा कि वो कौन था और न रेखा ने ही बताया.
अगले दिन रेखा वित्त मंत्रालय पहुंचीं. वित्त मंत्रालय के गलियारे लोगों से भरे थे. वे जब वित्त मंत्री के कमरे में पहुंची तो इतना बड़ा कमरा देखकर हैरान हो गईं. वीपी सिंह फाइलें निपटा रहे थे. देखकर उठे, नमस्कार किया और सोफे पर आकर बैठे. चाय आई... रेखा ने अपनी समस्या बताई... तब वीपी सिंह खामोश रहे.. कुछ भी नहीं कहा लेकिन बाद में पता चला कि रेखा की समस्या सुलझ गई...
चलते चलते 10 अक्टूबर की दूसरी अहम घटनाओं पर एक नजर डाल लेते हैं
1924 - भारत के मशहूर हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का जन्म हुआ.
2011 - गजल गायकी की दुनिया के बादशाह जगजीत सिंह का निधन हुआ.
680- पैगंबर मोहम्मद के पोते हुसैन इब्न अली, यज़ीद I की सेनाओं द्वारा युद्ध के मैदान कर्बला में मारे गए.
1964- फिल्म डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और ऐक्टर गुरु दत्त का निधन हुआ.
Read More:- एक्ट्रेस Nayanthara ने दिया जुड़वा बच्चों को जन्म, Vignesh ने पोस्ट शेयर कर दी खुशखबरी