तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप (earthquake in turkey) के बाद से ही पूरी दुनिया मदद के लिए हाथ बढ़ा रही है...लेकिन इन सबके बीच एक और चीज ने सबका ध्यान खींचा. वो था तुर्की का नाम...कई मीडिया संस्थानों ने इसे तुर्किये (Turkey) कह कर संबोधित किया...जिससे कुछ लोग ये सोचने लगे कि आखिर ये कौन सी जगह है? आप भी कुछ सोचें इससे पहले आपको बता दें कि दरअसल ये तुर्की का ही आधिकारिक नाम है...
दरअसल प्रचलित तौर पर भारत में या तो तुर्की या फिर टर्की (turkey or turkish) कहा जाता है...लेकिन पिछले साल यानी जून 2022 में तुर्की ने आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर तुर्किये कर दिया. यूनाइटेड नेशन ने भी इसे मान्यता दे दी. खुद UN महासचिव एंटोनियो गुटरेस (Antonio Guterres) ने इसका ऐलान किया था...अब सवाल ये है कि आखिर ये बदलाव क्यों हुआ?
कब बदला तुर्की का नाम ?
5 जून 2022 को राष्ट्रपति एर्दोआन ने नाम बदलने का आदेश जारी किया
सभी मंत्रालयों के आधिकारिक दस्तावेज में भी यही नाम दर्ज हुआ
टूरिज्म प्रमोशन वीडियो में तुर्की को 'हैलो तुर्किये' कहा गया
संयुक्त राष्ट्र को भी तुर्की ने प्रस्ताव भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई
अब ये जान लेते हैं कि आखिर प्रखर राष्ट्रवादी समझे जाने वाले राष्ट्रपति एर्दोआन (President Erdoğan) को तुर्की नाम से परेशानी क्या थी?
तुर्की शब्द से क्या दिक्कत है ?
तुर्की को अंग्रेजी में टर्की भी कहा जाता है
टर्की का एक मतलब मूर्ख भी होता है
एर्दोआन ने इसे चुनाव में मुद्दा बनाया था
टर्की नाम का एक पक्षी भी होता है
इस पक्षी को अमेरिका में खाने का चलन है
टर्किश भाषा में भी तुर्की को टर्किये ही कहते हैं
साल 1923 में जब तुर्की आजाद हुआ तब भी इसे तुर्किये कहा गया
इन्हीं तथ्यों के बहाने राष्ट्रपति एर्दोआन अपने देश को ये समझाने में सफल रहे कि तुर्की एक नकारात्मक शब्द है और इसे बदलने की जरूरत है.