UP Politics : क्या योगी सरकार 2.0 में ऑल इज वेल नहीं है, एक साथ 4 मंत्रियों की नाराजगी क्या इशारे कर रहे

Updated : Nov 29, 2022 18:39
|
Deepak Kumar Mishra

यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) के तीन मंत्रालयों में हुए ट्रांसफर (Transfer) के 'खेल' ने भूचाल ला दिया है. योगी सरकार के तीन मंत्री इस वक्त चर्चा के केंद्र में हैं. सबसे पहले डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में हुए ट्रांसफर पर सवाल खड़े हुए. फिर जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) के पीडब्लूडी विभाग (PWD) में हुए ट्रांसफर पर बवाल मचा. इसके बाद जलशक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) में भी तबादलों को लेकर खींचतान की बात सामने आई. इन तीनों विभागों में हुए ट्रांसफर के कथित खेल में अफसरों (Officer) पर सवाल उठ रहे हैं. अफसरों के रवैये से नाराज होकर एक मंत्री के अपने पद से इस्तीफा देने की खबर भी सामने आ गई. वहीं जितिन प्रसाद दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं. इन सभी नाराज मंत्रियों की सिर्फ एक शिकायत है कि अफसर उनकी सुनते ही नहीं हैं. जाहिर है योगी सरकार के बनने के महज 4 महीने के भीतर जिस तरह मंत्रियों की नाराजगी सामने आ रही है. उससे संदेश यही जा रहा है कि बाहर से भले ही सबकुछ ठीक ठाक लग रहा हो. लेकिन अंदरखाने ऑल इज वेल नहीं हैं. 

दिनेश खटीक का इस्तीफा !
बताया जा रहा है कि खटीक का अपने मंत्रालय के अफसरों से नहीं बन रही है. दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) ने अपने विभाग के कुछ इंजीनियर्स के ट्रांसफर की लिस्ट अधिकारियों को सौंपी थी. लेकिन उसमें एक भी ट्रांसफर नहीं हुआ. अधिकारियों ने खटीक से सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से बात करने के लिए कह दिया. अफसरों के इस रवैये से नाराज होकर जल शक्ति मंत्रालय में राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. खटीक ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) के नाम लिखी चिट्ठी में अपनी पूरी व्यथा सुनाई. अपने इस्तीफे में  दिनेश खटीक ने प्रदेश में अफसरशाही और दलित होने के कारण उपेक्षित किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि अधिकारी न तो उनकी सुनते हैं और न ही उन्हें विभाग से जुड़ी कोई जानकारी देते हैं. हालांकि महज कुछ घंटों के भीतर खटीक के सुर बदल गए. सीएम योगी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी सिर्फ अधिकारियों से है.  

इसे भी पढ़ें : Gyanvapi case: सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की पूजा वाली याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

बृजेश पाठक के महकमे में 'ट्रांसफर का खेल'
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) में भी ट्रांसफर का खेल सामने आया था. जिसको लेकर खूब सवाल उठे. बताया जा रहा है कि विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी (Transfer Policy) को दरकिनार कर मनमाने तरीके से तबादले किए गए. एक जिले में तैनात पति-पत्नी को अलग-अलग भेज दिया गया. खुद बृजेश पाठक ने इस पर सवाल उठा दिए. उन्होंने पूरे मामले में  विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन से जवाब तलब किया था. सूत्रों की मानें तो अमित मोहन ने अपने जवाब में उपमुख्यमंत्री को बताया कि सारे तबादले नियमानुसार किए गए हैं. बवाल मचा तो सीएम योगी ने ट्रांसफर पर जांच बैठा दी. इससे पहले भी एक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान पाठक ने कुछ डॉक्टर और कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. 

जितिन प्रसाद क्यों हैं नाराज
जितिन प्रसाद के मंत्रालय लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियर्स (Engineers) का ट्रांसफर हुआ था. जिनमें करीब 200 अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) और डेढ़ सौ से ज्यादा सहायक अभियंता (Assistant Engineer) शामिल हैं. दिलचस्प बात ये है कि ट्रांसफर में उन अधिकारियों का भी तबादला कर दिया गया था. जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. ट्रांसफर के इस खेल पर सख्त रुख दिखाते हुए सीएम योगी ने जांच बैठा दी. साथ ही जितिन प्रसाद के ओएसडी (OSD) अनिल कुमार पांडेय (Anik Kumar Pandey) हटा दिए गए. इसके अलावा विभाग के पांच अफसरों-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई से जितिन प्रसाद नाराज हैं. इसको लेकर वो सीएम योगी (CM Yogi) से भी मुलाकात कर चुके हैं. वो फिलहाल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में हैं. 

इसे भी पढ़ें : National Herald Case: सोनिया गांधी से ED की पूछताछ खत्म, राहुल और उनसे पूछताछ में क्या था अंतर?

अन्य मंत्रियों से भी मतभेद
अभी हाल ही में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Energy Minister Arvind Kumar Sharma) और विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त भार संभाल रहे एम देवराज के बीच मतभेद की खबरें सामने आई थी. यह मतभेद प्रदेश में पैदा हुए बिजली संकट और कोयले के आयात को लेकर था, जो धीरे-धीरे गहरा गया. जिसके बाद देवराज को हटाकर इसका चार्ज अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को दे दिया गया. 

हालांकि सरकार ने मंत्रियों को खुश करने के लिए अफसरों पर कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की है. सीएम योगी ने मंत्रियों को अपने दफ्तर और निजी स्टाफ पर आंखें बंद करके भरोसा नहीं करने को लेकर ताकीद की है. लेकिन दिनेश खटीक के इस्तीफे ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक मौका जरूर दे दिया. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने अपने एक ट्वीट (Tweet) के जरिए योगी सरकार पर हमला बोला. अखिलेश ने लिखा- "जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले…ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है. कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है." वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने कहा कि दलित मंत्री की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है. उधर योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने अफसरों की मनमानी की बात मानते हुए कहा कि कुछ अधिकारी अभी भी साइकिल वाले हैं, इसलिए काम करने में दिक्कत हो रही है. 

Transferyogi adhityanathUP News

Recommended For You

editorji | भारत

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

editorji | एडिटरजी स्पेशल

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास