UP Ration Card News: उत्तर प्रदेश में अपराधियों के अंदर योगी सरकार (Yogi Govt.) का ख़ौफ है, ये तो आप रोज़ सुन रहे होंगे. लेकिन इन दिनों यूपी में कई और लोग भी हैं जो डरे हुए हैं. राशन कार्ड धारक (Ration Card). डर ऐसा कि गाजियबाद में पिछले 15 दिनों में 6500 लोगों ने राशन कार्ड जमा करा दिए. गाजियाबाद (Ghaziabad) के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में सुबह से ही राशन कार्ड वापस करने वालों का तांता लगा हुआ था.
NDTV के मुताबिक गाजियाबाद की जिला आपूर्ति अधिकारी सुधा चौधरी ने कहा था कि अपात्र लोग राशन कार्ड लौटा दें, नहीं तो विधिक कार्रवाई होगी और 24 रुपये गेहूं और 32 रुपये चावल के हिसाब से रिकवरी होगी.
इससे पहले एक सरकारी पत्र वायरल हो रहा था. जिसमें दावा किया गया था कि यूपी सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए नए नियम (Ration Card New Rules) बनाए हैं. जिसके मुताबिक सरकारी राशन कार्ड वही लोग ले सकते हैं जिनकी आय दो लाख रुपये सालाना से अधिक न हो ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एसी और जनरेटर न हो, 100 वर्गमीटर से ज्यादा का मकान, बंदूक का लाइसेंस और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन भी न हो.
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फिर क्या था, कुछ लोगों को इस बात का डर लगा कि अगर सरेंडर नहीं किए और जांच में पकड़े गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. इसलिए भारी तादाद में लोग अपना अपना राशन कार्ड लेकर सरेंडर करने खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर पहुंच गए.
हालांकि इस खबर के जोर पकड़ने के बाद सीएम योगी के कार्यालय से इसे अफवाह करार दिया गया. साथ ही योगी आदित्यनाथ की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि किसी भी जरूरतमंद का राशन बंद नहीं होना चाहिए.
सवाल उठता है कि भारत जैसे देश में लोगों को राशन कार्ड की जरूरत ही क्यों है, जबकि भारत 8,230 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विश्व का छठा सबसे धनी देश है. इस सूची में अमेरिका 62,584 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पहले स्थान पर है, जबकि चीन 24,803 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे और 19,522 अरब डॉलर के साथ जापान तीसरे स्थान पर है.
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आंकड़ों के लिहाज से देखें तो भारत भले ही छठे नंबर पर लगता है लेकिन एक अकेले अमेरिका की जितनी संपत्ति है उसमें सात से आठ भारत आराम से समा जाएगा. पड़ोसी देश चीन भी संपत्ति के मामले में भारत से कम से कम तीन गुना अधिक है. जबकि आबादी के मामले में भारत अमेरिका से साढ़े चार गुना ज्यादा बड़ा देश है.
चीन और भारत की आबादी लगभग एक जैसी हो रही है. लेकिन चीन भी संपत्ति के मामले में हमसे तीन गुना अधिक है. ऐसे में सवाल उठते हैं कि भारत जैसे देश में गरीब लोगों को राशन कार्ड देना या मुफ्त अनाज मुहैया कराना कितना सही है?