Mumps: कोरोना के बाद अब एक नया वायरस 'काल' बनकर आया है. इस बीमारी का नाम है Mumps, जिसे गलसुआ भी कहा जाता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले के गाल गुब्बारे की तरह फूल जाते हैं. कुछ भी खाने या निगलने में परेशानी होने लगती है. जिससे बच्चे की जान पर आफत आ पड़ती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या बला है ये Mumps, इसके लक्ष्ण क्या हैं ? ये कैसे फैलता है ? और इससे कैसे बचा जा सकता है ?
क्या है Mumps ?
ये एक तरह का वायरल इंफेक्शन है
ये पैरामाइक्सोवायरस (RNA) की वजह से होता है
इसमें पैरोटिड (लार) ग्रंथियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं
कमजोर इम्यूनिटी की वजह से बच्चों को ज्यादा खतरा
2-12 साल के बच्चों इससे ज्यादा प्रभावित
Mumps के लक्षण क्या है ?
गाल-जबड़ों या गर्दन में सूजन
कुछ भी चबाने या निगलने में मुश्किल
सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द
तेज बुखार, थकान और कमजोरी
भूख न लगना, मुंह सूखना
कान और जोड़ों में दर्द होना
कैसे फैलता है Mumps/गलसुआ?
संक्रमित व्यक्ति के खांसने से
संक्रमित व्यक्ति के छींकने या बात करने से
स्कूल और पार्क में इसके फैलने का खतरा ज्यादा
संक्रमित के साथ खाना खाने से, पानी पीने से
संक्रमित के साथ बर्तन शेयर करने से भी फैलता है Mumps
Mumps से कैसे बचें?
Mumps से बचने के लिए इसकी वैक्सीन लगवाएं.
साफ-सफाई का ध्यान रखकर.
घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं.
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
किसी से न हाथ मिलाएं, ना ही कोई सामान को छूए.
बाहर से घर आएं तो हाथों को साफ करें
संक्रमित व्यक्ति से बर्तन शेयर ना करें.
संक्रमित को दो से तीन हफ्ते तक क्वारेंटाइन करें.
बच्चे को बार-बार मुंह, नाक, आंख छूने से मना करें.
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