What is No Confidence Motion: आजकल 'अविश्वास प्रस्ताव' की खूब चर्चा है, यानी ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’. क्या आपको पता है ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ क्या होता है.
दरअसल जब लोकसभा (loksabha) में किसी भी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है या फिर सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है. इस सूरत में अविश्वास प्रस्ताव यानी ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ लाया जाता है. हालांकि आंकड़ों के हिसाब से यह पहले ही साफ हो जाता है कि सरकार को इससे खतरा है या नहीं.
विपक्षी दल के किसी सांसद को लोकसभा अध्यक्ष को इसकी लिखित सूचना देनी होती है. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष स्पीकर इसे पेश करने की इजाजत देतें हैं.
‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसके पास कम से कम 50 लोकसभा सांसदों का समर्थन प्राप्त हो.
यह भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session: लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, विपक्ष एकजुट
अगर लोकसभा स्पीकर ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ को इजाजत दे देते हैं, तो प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के भीतर इस पर चर्चा होगी. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग पर फैसला ले सकते हैं.
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है. लोकसभा में BJP के पास फिलहाल 301 सांसद हैं और बहुमत के लिए 272 सांसदों की संख्या जरूरी है. ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से मोदी सरकार बिल्कुल सुरक्षित है.