NEET-UG विवाद क्या है?
ये एक ऐसा सवाल है जो हर कोई जानने का इच्छुक है और भई ऐसा हो भी क्यों न जब हर अखबार से लेकर न्यूज चैनल्स तक और छात्रों से लेकर राजनेताओं तक इसके बारे में बोल रहे हैं तो भला आप क्यों इससे अनजान रहें.
तो चलिए अब NEET-UG विवाद से जुड़ा आपका हर Doubt दूर होने का वक्त आ गया है.
हंगामा क्यों है बरपा?
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल की जबकि बीते साल टॉप रैंक सिर्फ दो बच्चों ने हासिल की थी. कुछ स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि कई कैंडिडेट्स के नंबर्स को बेतरतीब ढंग से बढ़ाया और घटाया गया जिससे उनकी रैंक पर असर पड़ा. अहम ये हैं कि छह सेंटर्स पर एग्जाम में देरी की वजह से हुई टाइम वेस्टेज की भरपाई के लिए करीब 1,500 से ज्यादा स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए जो फिलहाल जांच के दायरे में हैं.
पेपर लीक होने के भी आरोप लगे
NEET-UG में पेपर लीक होने के भी आरोप लग रहे हैं. इस संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बीते महीने दावा किया, "जांच से पता चला है कि पांच मई के एग्जाम से पहले ही करीब 35 कैंडिडेट्स को NEET-UG के क्वेश्चन पेपर और आन्सर्स प्रोवाइड कराए गए." पेपर लीक मामले में अबतक 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
ग्रेस मार्क्स देने का फैसला हुआ रद्द
नीट-यूजी 2024 मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सख्त तेवर दिखाए और कहा, परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग प्रोसेस पर रोक लगाने से इनकार किया. वहीं NTA ने कोर्ट को बताया कि लिए 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने का फैसला रद्द कर दिया गया है और कैंडिडेट्स को 23 जून को दोबारा परीक्षा देने का ऑप्शन प्रोवाइड किया गया है.
आरोपों पर NTA का क्या है रुख?
NTA ने टॉपर्स की संख्या में हुई बढ़त पर कहा कि इसकी वजह एग्जाम में कॉम्पिटिशन और परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड्स का बढ़ना है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कहा, "67 स्टूडेंट्स में से 44 को फिजिक्स की एक आंसर की में संशोधन के कारण और छह को समय के नुकसान के कारण कम्पन्सेटरी मार्क्स मिले हैं."
शिक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर खासी गंभीरता बरती और ग्रेस मार्क्स की समीक्षा के लिए पूर्व यूपीएससी अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया. वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा, "पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं और NTA में करप्शन के दावे पूरी तरह निराधार हैं."
खूब चढ़ रहा सियासी पारा
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए कहा, "इस मामले को लेकर देश में जो गुस्सा है, उसकी गूंज संसद में भी सुनाई देगी." शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने NTA का बचाव करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को घेरा और आरोप लगाया, "बिहार पुलिस की जांच में पेपर लीक होने का पता चला है."इस मुद्दे पर AAP और TMC ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच की मांग कर दी है.