Har Ghar Tiranga कैंपेन के बहिष्कार का हक, लेकिन नरसिंहानंद ने 'हिंदुओं का दलाल' क्यों बोला?

Updated : Aug 26, 2022 18:14
|
Deepak Singh Svaroci

Yati Narsinghanand Hate Speech : ज़हरीले बयान देने का फैशन अभी ताज़ा-ताज़ा शुरू नहीं हुआ है. 'देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को' से लेकर '15 मिनट पुलिस हटा लो' वाले बयान तक देख लीजिए. राजनीतिक फ़ायादा लेने के लिए समाज में ज़हर फैलाना नेताओं के लिए बेहद आम है. पिछले कुछ दिनों में इसका वीभत्स रूप देखने को मिला है. अगर सरकार के अंतर्गत काम करने वाला कोई केंद्रीय मंत्री, अपनी पहचान बनाने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी करने वाले नवसिखुआ नेताओं की तरह बोलने लगे तो उसे वीभत्स या भयानक ही कहा जा सकता है. 

वैसे ग़लत तो वह रामभक्त गोपाल भी था. जिसने दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन के दौरान फायरिंग कर दी थी. और वह शाहरुख़ पठान भी, जिसने CAA/NRC के खिलाफ साल 2020 में दिल्ली में साम्प्रदयिक दंगे के दौरान भीड़ पर फायरिंग की थी और पुलिस पर बन्दूक तान दिया था.

और पढ़ें- Har Ghar Tiranga : तिरंगा खरीदो तभी मिलेगा राशन, अधिकारी का ये कैसा फरमान?

नफरती बयानबाजी पर तुरंत हो कार्रवाई

हालांकि सवाल यह है कि क्या गोपाल और शाहरुख़ की तुलना अनुराग ठाकुर या AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी से की जा सकती है जो कहता है कि तुम 100 करोड़, फिर भी 15 मिनट के लिए पुलिस हटाकर देख लो...  

दरअसल जब भी इस तरह की बयानबाज़ी हो, उसपर तुरंत कार्रवाई की ज़रूरत है. अन्यथा क्या हो सकता है उसका नमूना भी देख लीजिए. कहा जा सकता है कि नरसिंहानंद सरस्वती के यह ज़हरीले बोल उसी कड़ी का अगला हिस्सा है. जिसे हमने सालों से पाला है पोसा है. हिमाकत इतनी बढ़ चुकी है कि अब हमला सीधे सरकार पर कर दिया. आख़िर नरसिंहानंद सरस्वती को  "हिंदुओं का दलाल" जैसे शब्द बोलने की क्या ज़रूरत आन पड़ी. वह किसे  "हिंदुओं का दलाल" बता रहे हैं?

नरसिंहानंद सरस्वती जिस सलाउद्दीन की बात कर रहे हैं, अब ज़रा उसके बारे में भी जान लेते हैं. 

और पढ़ें- UP Police : रोटी दिखाते हुए फूट-फूट कर रोने वाले कॉन्स्टेबल की नौकरी बचेगी या जाएगी?

कौन है सलाउद्दीन?

  • सलाउद्दीन एक व्यापारी है. 
  • दक्षिण 24 परगना के बरुईपुर गांव का रहने वाला है. 
  • उसका गोदाम दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में है. 
  • वह झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और
  • असम की राज्य सरकारों को तिरंगे की आपूर्ति कर रहा है. 
  • बंगाल में कई शिक्षण संस्थानों और संगठनों ने भी उसे ऑर्डर दिए हैं. 
  • संस्कृति मंत्रालय ने तिरंगों की सप्लाई के लिए इसकी कंपनी को सूचीबद्ध किया है. 
  • 4 करोड़ तिरंगों में से सलाउद्दीन 60 लाख की सप्लाई करने को तैयार हैं. 

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कुछ दिनों पहले तक तिरंगा बनाने का काम सिर्फ कर्नाटक में होता था.

पहले सिर्फ कर्नाटक में बनते थे तिरंगे

  • हुबली शहर के बेंगेरी इलाका स्थित KKGSS में बनता था तिरंगा
  • यह खादी और ग्रामाद्योग आयोग द्वारा सर्टिफाइड एकमात्र ऑथराइज्‍ड यूनिट है
  • केवल इसी यूनिट को देश में आधिकारिक रूप से तिरंगा बनाने का हक
  • KKGSS का गठन नवंबर 1957 में हुआ
  • 1982 से KKGSS ने खादी बनाना शुरू किया
  • 2005-06 में BIS ने राष्‍ट्रीय ध्‍वज बनाने का सर्टिफिकेट दिया
  • आधिकारिक तौर पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज की आपूर्ति KKGSS से होती है
  • मौजूद भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों में भी यहीं से जाता है झंडा
  • KKGSS से कोई भी ऑर्डर कर खरीद सकता है तिरंगा 

इंडियन फ़्लैग कोड 2002 के मुताबिक़, राष्ट्रीय ध्वज केवल हाथ से बुने हुए या हाथ से बुने हुए कपड़ों की सामग्री से ही बनाया जा सकता है. इससे कम समय में ज़्यादा संख्या में झंडा बनाना आसान नहीं.

और पढ़ें- Cyber Crime: सेक्सुअल हैरेसमेंट केस 6300%, साइबर क्राइम 400% बढ़े! कहां जा रहा 24 हजार करोड़?

फ़्लैग कोड में किया बदलाव

लेकिन पिछले साल दिसंबर में इस फ़्लैग कोड में बदलाव किया गया. इस बदलाव के बाद अब राष्ट्रीय ध्वज, हाथ से कातकर, हाथ से बुनकर या मशीन से बनाए कपड़ों- रेशम, सूती या पॉलिस्टर का भी बना हो सकता है. इस बार भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग कपड़ा मिल मालिकों को झंडे बनाने का काम सौंपा गया है. हालांकि कंपनियां काम को समय से पूरा करने के लिए अपना ठेका दूसरे व्यापारियों को भी दे रहे हैं.

सवाल उठता है कि अगर केंद्र सरकार की तरफ से सलाउद्दीन को तिरंगा बनाने का ठेका दिया गया तो क्या इस तरह सरकार को हिंदुओं का दलाल कहना ठीक है? हमारे साथ इसी मुद्दे पर डिटेल में बात करने के लिए जुड़ गए हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार...

Narendra ModiHar Ghar TirangaYati Narsinghanand

Recommended For You

editorji | भारत

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

editorji | एडिटरजी स्पेशल

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास