Hate Speech and Hate Crime: मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने की शुरुआत यति नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) काफी पहले कर चुके हैं. यह स्पीच जनवरी 2020 की है. हालांकि यति नरसिंहानंद चर्चा में हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar Dharm Sansad) में हुए हेट स्पीच (Hate Speech) के बाद आए. जिसको लेकर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. पहले वह बयान सुनते हैं. जिसमें वह सनातनी वैदिक राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं.
सबसे पहले ताजा नफरती बयानों को सुनते हैं जो हिमाचल के ऊना में आयोजित धर्म संसद में कहा गया है.
नफरती बयान की लंबी लिस्ट है. हम उनमें से कुछ गिने चुने वीडियो यहां दिखाने जा रहे हैं.
तकरीबन दो साल, 10 बयान, हिंसा के दर्जनों मामले... सोशल मीडिया पर नफरती बयानों की बाढ़ आयी हुई है. लेकिन किसी भी मामले में अब तक गृह मंत्री अमित शाह या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई बयान नहीं आया है.
इसे प्रयोग कहें या संयोग... लेकिन इसकी शुरुआत के लिए क्या इन चेहरों को जिम्मेदार माना जाना चाहिए...
याद कीजिए CAA के खिलाफ शाहीन बाग में जब मुसलमान महिलाएं प्रोटेस्ट कर रही थीं तब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्या कहा था...
दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं गिरिराज सिंह... जो अक्सर भड़काने वाले बयान देते रहते हैं. अखबारों में सैकड़ों लेख मिल जाएंगे...
इस कड़ी में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा को भी नहीं भूला जा सकता... संसद के अंदर उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताया था.
इससे पहले भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सार्वजनिक मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. हालांकि विपक्ष के विरोध के बाद इस घटना को लेकर माफी जरूर मांग ली थी.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया था. ठीक वैसे ही जैसे अब नड्डा ने कहा है कि बीजेपी का मतलब भगवा नहीं है...
हालांकि तब भी पीएम मोदी और अमित शाह ने अपने सांसद के इस बयान को लेकर कोई आपत्ति जाहिर नहीं की थी. और अब भी नफरती बयान पर मौन हैं. हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से जो हिंसा की तस्वीरें आई हैं.
फिर चाहे रामनवमी के मौके पर वो बिहार में एक मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने की बात हो या फिर मध्य प्रदेश, गुजरात या बंगाल में हिंसा की खबरें. इतना ही नहीं एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार शनिवार यानी कि हनुमान जयंती के मौके पर भी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं.
और पढ़ें- UP News: ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ पर योगी सरकार निपटेगी आवारा पशुओं की समस्या से
सवाल वही है कि क्या इन हिंसाओं के लिए नफरती बयान जिम्मेदार नहीं है. कौन है जो इन युवाओं को अपने हाथों में तलवार और कट्टा लेने को उकसा रहा है. कौन इस मुल्क में ख़तरा बता रहा है और किनसे... ऊपर से प्रधानमंत्री की यह खामोशी लोगों के मन में सवाल पैदा कर रहा है, कि देश जल रहा है लेकिन पीएम चुप हैं क्यों?