Right to Repair Act: टीवी, फ्रिज से लेकर वॉशिंग मशीन और कार से लेकर मोबाइल फोन तक आप हर घरेलू सामानों के खराब होने पर उसकी सस्ते में रिपेयरिंग करवा सकेंगे. जी हां, 'राइट टू रिपेयर' एक्ट (Right to Repair Act India) सरकार लेकर आई है.
इसके तहत 4 सेक्टर से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को राइट टू रिपयेर पोर्टल पर अपने प्रोडक्ट्स और उसमें इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की जानकारी देनी होगी. रिपेयरिंग की सुविधा के बारे में बताना होगा. तो आइये जानते हैं क्या है Right to Repair एक्ट और इससे ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा.
इस एक्ट के दायरे में चार क्षेत्र हैं- फार्मिंग उपकरण, मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स एवं ऑटोमोबाइल उपकरण.
फार्मिंग सेक्टर में मुख्य रूप से वाटर पंप मोटर, ट्रैक्टर पार्ट्स और हार्वेस्टर तो मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स में मोबाइल फोन, लैपटॉप , डेटा स्टोरेज सर्वर, प्रिंटर, हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर जैसे उत्पाद शामिल हैं.
कंज्यूमर ड्यूरेबल में टीवी, फ्रिज, गिजर, मिक्सर, ग्राइंडर, चिमनी जैसे विभिन्न उत्पादों को शामिल किया गया है, तो ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में यात्री वाहन, कार, दोपहिया व इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं.
ग्राहकों को ठगी का शिकार होने से बचाना ही इस एक्ट का उद्देश्य है. जैसे कई बार सामान टूटने पर सही जानकारी नहीं होने पर रिपेयर करने वाले मनमाने ढंग से कीमत बोलते हैं, लेकिन अब ये समस्या दूर होगी.
राइट टू रिपेयर के तहत मरम्मत की लागत कम आएगी.
स्वतंत्र मरम्मत की दुकानों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं.
स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल सकता है और तकनीकी कौशल का विकास हो सकता है.
इसके अलावा सबसे जरूरी बात कि ई-कचरे का निपटारा होगा. राइट टू रिपेयर से कचरा कम होगा, जिससे पर्यावरण भी संरक्षित होगा.
इस तरह ग्राहकों को किसी भी उपकरण में क्या सामान लगा है, उसकी कीमत क्या है...इसकी जानकारी सही सही मिलेगी. साथ ही लोकल लेवल पर रिपेयर करने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा.
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