अचंता शरथ कमल ने बता दिया कि अगर आप में जूनून है तो उम्र भी आपके रास्ते में बाधा नहीं बन सकती. पुरुष एकल में पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण जीतने के 16 साल बाद, भारत के अचंता शरथ कमल ने 40 साल की उम्र में दूसरी बार ये खिताब अपने नाम किया. उन्होंने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के 20वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी लियाम पिचफोर्ड को हरा दिया.
पूरे मैच के दौरान, शरथ कमल ने आत्मविश्वास दिखाया और ऐसा लग रहा था कि वह शुरू से ही जानते थे कि यह उनका दिन होगा. यह शरथ ने पहला गेम 11-13 से हारने के बाद लगातार 4 गेम जीते.
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वह बर्मिंघम में इस खिताब के प्रबल दावेदार नहीं थे लेकिन अपने वह अपने शानदार प्रदर्शन के बलबूते तीन-तीन मेडल जीतने में कामयाब रहे. अपने एकल स्वर्ण से पहले, उन्होंने पुरुषों की टीम स्पर्धा के साथ-साथ मिश्रित युगल में भी गोल्ड मेडल जीता है.