स्टार बैडमिन्टन खिलाड़ी और भारत के शीर्ष पदक दावेदारों में से एक, पीवी सिंधु के लिए उनके कॉमनवेल्थ अभियान की शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही. जब राष्ट्रमंडल खेलों 2022 के लिए बर्मिंघम पहुंची उन्हें टीम से अलग कर दिया गया था. इसकी वजह कोविड-19 और उनका आरटी-पीसीआर रिजल्ट था.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु के आरटी-पीसीआर परीक्षण के परिणामों में कुछ विचलन दिखाई दिए, जिससे अधिकारियों को उन्हें कुछ समय के लिए आइसोलेट करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 2 बार की ओलंपिक पदक विजेता से कहा गया था कि जब तक उनका दूसरा परिणाम नहीं आ जाता, तब तक वह अपने बैडमिंटन टीम के संपर्क में नहीं आएगी.
राहत की बात ये रही कि सिंधु का दूसरा आरटी-पीसीआर रिजल्ट नेगेटिव आया और उन्हें मंगलवार को खेल गांव जाने की अनुमति दे दी गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस डर के कारण ही भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने खेलों के लिए भारत के ध्वजवाहक की घोषणा में देरी की.