लगातार खराब फॉर्म से जूझने के बावजूद अजिंक्य रहाणे को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में मैदान पर उतारा गया. टीम मैनजेमेंट ने डेब्यू मुकाबले में शतक ठोकने वाले श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी से ज्यादा भरोसा पूर्व उपकप्तान पर दिखाया. लेकिन, रहाणे उस भरोसे पर एकबार फिर खरे नहीं उतर सके. रहाणे ने शुरुआत तो दमदार की, पर जब वह 48 रन बनाकर पवेलियन लौट गए.
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शतक तो छोड़िए दाएं हाथ के इस बल्लेबाज की पिछली पारियों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो वह पचास का आंकड़ा कैसे पार करना है यह भूल चुके हैं. रहाणे को क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में अपनी लास्ट सेंचुरी जड़े 23 पारियां बीत चुकी हैं और इस दौरान सिर्फ दो ही दफा पूर्व वाइस कैप्टन ने अर्धशतक जड़ा हैं.
रहाणे के बैटिंग एवरेज भी काफी गिरावट आई है. साल 2019 में जो बैटिंग औसत 71 का था वह 2020 में 39 पर पहुंच गया और साल 2021 में रहाणे का हाल तो बुरी तरह से बेहाल रहा और उन्होंने सिर्फ 20.8 के औसत से रन बनाए.
रहाणे के पास भले ही अनुभव की कोई कमी ना हो, लेकिन जिस तरह से वह लगातार फ्लॉप हो रहे हैं उसके देखते हुए अब टीम मैनेजमेंट का भरोसा उनके ऊपर से डगमगाने लगा है. क्योंकि सिर्फ अनुभव के दम पर श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी जैसे दमदार बल्लेबाजों के प्रदर्शन को ज्यादा समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.