क्रिकेट के लिए भारतीयों के जुनून का क्या कहना, और अगर सामने पाकिस्तान हो तो उस मैच के रोमांच की तुलना ही नहीं की जा सकती.
हालांकि ये कट्टर प्रतिद्वंदी अब केवल आईसीसी टूर्नामेंट या एशिया कप में एक दूसरे से भिड़ते हैं, फिर भी यह क्रिकेट के सबसे मशहूर मुकाबलों में से एक है. इनमें क्रिकेटर्स भी जीत के लिए अपनी जान लगा देते हैं. इस दौरान कभी - कभी मैदान पर ही तीखी नोक-झोंक देखने को मिल जाती है. आज हम आपको ऐसे ही तीन यादगार बहस की घटनाओं के बारे में बताने वाले है.
गौतम गंभीर बनाम शाहिद अफरीदी
गौतम गंभीर वह खिलाड़ी हैं जो इसे खेल में विपक्षी को जवाब देने के लिए जाने जाते हैं और तेज गेंदबाज शाहिद अफरीदी गौतम गंभीर के पहले शिकार बने थे. 2007 में एक वनडे मैच के दौरान जब अफरीदी गंभीर से टकरा गए थे तो पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने गंभीर से कुछ कह दिया था जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई थी. इसके बाद खिलाड़ियों और अंपायरों ने मिलकर दोनों को शांत कराया था.
गौतम गंभीर बनाम कामरान अकमल
पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी लड़ाई में भी गंभीर का नाम शामिल है और इस बार गंभीर का गुस्सा कामरान अकमल पर निकला. 2010 में एशिया कप के दौरान गंभीर और अकमल के साथ बहुत बुरी लड़ाई हुई थी. यह बहस फर्जी अपील को लेकर शुरू हुई थी, जिसके बाद दोनों क्रिकेटर आपस में भिड़ गए. इस बार कैप्टन कूल एमएस धोनी ने बीच-बचाव किया और गंभीर को शांत रहने को कहा.
हरभजन सिंह बनाम शोएब अख्तर
हरभजन सिंह और शोएब अख्तर मैदान के बाहर दोस्त हो सकते हैं, लेकिन जब वो दोनों मैदान में होते थे तो बात कुछ और होती थी. 2010 में ही, अख्तर ने भज्जी को स्लेज करने की कोशिश की थी और मामला हाथ से निकल गया था. पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने हरभजन को डेथ ओवर में बाउंसर फेंका लेकिन हरभजन ने बल्ले से जवाब देते हुए छक्के के साथ जोरदार जीत दर्ज की. इसके बाद जो हुआ वह अभी भी भारतीय क्रिकेट में दर्ज सबसे यादगार जीतों में से एक है.