फ्रीस्टाइल रेसलर, दिव्या काकरान जिन्होंने कॉमनवेल्थ 2022 में अपनी कैटेगरी में तीसरे स्थान पर रहने के बाद दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी, अब राजनीतिक खींचतान में फंस गई है.
बर्मिंघम 2022 में पदक जीतने के तुरंत बाद, 23 वर्षीय पहलवान ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर प्रशिक्षण के लिए कोई मदद नहीं करने का आरोप लगाया था. उनके दावों ने आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच बहस शुरू कर दी है.
जहां आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने काकरान से सवाल किया कि वह किस राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं, वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने काकरान का अपमान करने के लिए उनकी आलोचना की.
भारद्वाज ने एक ट्वीट में कहा था कि रिकॉर्ड के अनुसार काकरान दिल्ली का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिस पर पूनावाला ने जवाब दिया, 'यह एथलीट, युवा और तिरंगे का अपमान है, चाहे वह स्टेडियम हो या युद्ध का मैदान, लोग तिरंगे के मान के लिए लड़ते हैं. काकरान से पूछना कि वह कहाँ से है, एथलीट का अपमान है.'
इसके बाद आप सरकार ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया. आप ने एक बयान में कहा कि यूपी की पहलवान को 2017 तक वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी, जिस साल उन्होंने आखिरी बार राज्य का प्रतिनिधित्व किया था. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, काकरान 2017 से यूपी के लिए खेल रही हैं.
दिव्या, जिन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी कांस्य जीता था, ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तब उन्हें सहायता देने का वादा किया था लेकिन बाद में किसी ने उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया. इसके विरोध में आप ने कहा कि काकरान ने कभी दिल्ली सरकार से संपर्क नहीं किया.