भारत के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने एक इंटरव्यू में डिप्रेशन के दौर का अपना किस्सा शेयर किया है. इसमें उन्होंने बताया कि कैसे वे गुस्से की वजह से मानसिक अवसाद का शिकार हो गए थे.
उन्होंने कहा, 'मैं डिप्रेशन में चला गया था. लेकिन सबसे पहले, भारत में लोगों को यह भी नहीं पता कि डिप्रेशन क्या है. मैं लगभग 5 घंटे तक सीलिंग फैन को देखता रहता था. मैं परेशान था कि मैंने इतना कुछ किया और फिर भी कोई मेरे पास नहीं आया. जिस राज्य के लिए मैंने इतना कुछ किया वह मुझे नहीं बुला रहा है. मुझे नहीं पता कि मैंने क्या गलती की है. मैं उदास था और मैंने दवा नहीं ली. इसके तुरंत बाद मैं हरिद्वार चला गया.'
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उन्होंने आगे कहा, 'आईपीएल 2017 के बाद मैंने सोचा था कि कोई फ्रेंचाइजी मुझे गेंदबाजी कोच की भूमिका की पेशकश करेगी. उन्हें आईपीएल या रणजी ट्रॉफी में गेंदबाजी कोच के रूप में भूमिका पाने की उम्मीदें थीं. मैंने सोचा था कि मुझे गेंदबाजी कोच की भूमिका मिलेगी, लेकिन जो मुझसे कम मैच खेले, उनकी मांग ज्यादा थी. इसलिए, यह गलत था. मुझको लेकर कहा गया कि मैं शराब पीता हूं, लेकिन मैं मैदान पर नहीं पीता. उन्होंने मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया.'