पूर्व भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह ने शनिवार को संकेत दिया कि वो भारतीय क्रिकेट टीम को आने वाली चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए भविष्य में ‘मेंटोर’ की भूमिका निभाना पसंद करेंगे. युवराज ने 'युवराज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के उद्घाटन के दौरान कहा, 'मुझे लगता है कि हमने काफी फाइनल खेले लेकिन एक भी नहीं जीता. 2017 में मैं एक फाइनल का हिस्सा रहा जिसमें हम पाकिस्तान से हार गये थे.'
'अपकमिंग वर्षों में हमें निश्चित रूप से इस पर काम करना होगा. मुझे लगता है कि कुछ चीज की कमी है, जब कोई बड़ा मैच होता है तो हम शारीरिक रूप से तैयार होते हैं लेकिन मानसिक रूप से हमें मजबूत होने की जरूरत है.'
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युवराज ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करना, उन्हें सिखाना कि दबाव कैसे झेलते हुए अपना खेल दिखायें. ये चुनौती रही है. हमारे पास मैच होते हैं और खिलाड़ी जो दबाव में बल्लेबाजी कर सकें लेकिन पूरी टीम को ऐसा करना चाहिए, एक या दो खिलाड़ियों को नहीं. मैं मार्गदर्शन करना पसंद करूंगा. मुझे लगता है कि हम बड़े टूर्नामेंट में काफी मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं. मेरा मानना है कि मानसिक पहलू में मैं भविष्य में इन खिलाड़ियों के साथ काम कर सकता हूं. मुझे लगता है कि मैं इसमें योगदान दे सकता हूं.'