अगर भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव नहीं होते तो शायद सरफराज खान के पिता अपने बेटे को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करते हुए अनिल कुंबले से टेस्ट कैप लेते नहीं देख पाते. नौशाद खान भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन अपनी पत्नी के साथ निरंजन शाह स्टेडियम में मौजूद रहे. अपने बेटे को भारतीय कैप लेते हुए देखकर नौशाद की आंखों से आंसू निकल आए. सरफराज ने डेब्यू करते हुए 62 रन की तेजतर्रार पारी खेली. नौशाद हालांकि इस मैच के लिए यहां नहीं आने वाले थे और उनके यहां आने में सूर्यकुमार की अहम भूमिका रही.
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नौशाद ने मैच के इतर खुलासा किया कि सूर्यकुमार के संदेश ने उन्हें राजकोट आने के लिए मनाया. उन्होंने कहा, 'शुरुआत में मैंने सोचा कि मैं नहीं आऊंगा, क्योंकि इससे सरफराज पर किसी तरह का दबाव पड़ सकता है और इसके अलावा मुझे थोड़ी सर्दी भी लगी थी. लेकिन सूर्या के मैसेज से मेरा दिल पिघल गया.' नौशाद ने भारत के सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज सूर्यकुमार का मैसेज पढ़ते हुए कहा, 'मैं आपकी भावनाओं को समझ सकता हूं. लेकिन विश्वास कीजिए जब मैंने टेस्ट डेब्यू किया और मुझे मेरी टेस्ट कैप मिल रही थी तो मेरे पिता और मां मेरे पीछे खड़े थे.'
उन्होंने कहा, 'और यह लम्हा बेहद खास था. यह लम्हे बार-बार नहीं आते. इसलिए मैं आपको सुझाव देता हूं कि आप जरूर जाओ.' यह मैसेज मिलने के बाद नौशाद ने राजकोट की यात्रा करने का इंतजाम किया. उन्होंने कहा, 'सूर्या का यह मैसेज मिलने के बाद मैं खुद को आने से नहीं रोक पाया. गोली खाई और कल यहां आ गया.'