भारतीय क्रिकेट के लिए साल 2021 उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. टीम इंडिया ने साल की शुरुआत तो ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर धमाकेदार अंदाज में की, लेकिन टी-20 विश्व कप में विराट कोहली एंड कंपनी औंधे मुंह गिरी और सुपर 12 स्टेज से आगे नहीं बढ़ सकी. आईसीसी टूर्नामेंट्स के बड़े मुकाबले में इस साल भी किस्मत कप्तान कोहली से रुठी रही और इसका खामियाजा उनको टी-20 और वनडे कप्तानी गंवाकर चुकाना पड़ा. आइए एक नजर डालते हैं कैसा रहा टीम इंडिया के लिए साल 2021 में सफर..
गाबा की जीत बनी यादगार - ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आगाज वनडे सीरीज गंवाकर हुआ, लेकिन टी-20 सीरीज में 2- 1की कामयाबी ने टीम इंडिया में जोश भरने का काम किया. हालांकि इसके बाद एडिलेड के पिंक बॉल टेस्ट मैच में जो हुआ उसने विश्व क्रिकेट में भारतीय टीम को शर्मसार कर दिया. पहले टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 36 रनों पर ढेर हो गई और टेस्ट क्रिकेट में अपना न्यूनतम स्कोर दर्ज कराया. इसके बाद कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे ने टीम की कमान संभाली और पहले मेलबर्न और फिर गाबा में 32 साल बाद कंगारू टीम को हार का स्वाद चखाया.
इंग्लैंड को घरेलू धरती पर चटाई धूल - जो रूट की अगुवाई में इंग्लिश टीम ने भारत को सीरीज के पहले ही टेस्ट में पटखनी देकर आईना दिखाया, लेकिन इसके बाद कोहली की सेना ने ऐसा विराट खेल दिखाया कि अंग्रेजों के होश उड़ गए. टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज 3-1 से इसके बाद वनडे और टी-20 सीरीज को भी अपने नाम किया और तीनों ही फॉर्मेट में इंग्लैंड को बुरी तरह से पीटकर घर भेजा.
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बनने का टूटा सपना - विराट कोहली की अगुवाई में क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में टीम इंडिया ने पिछले दो सालों में राज करते हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का टिकट कटाया. हालांकि, न्यूजीलैंड टीम और केन विलियमसन ने कोहली और टीम इंडिया का पहली बार टेस्ट चैंपियन बनने का सपना साकार नहीं होने दिया. फाइनल मुकाबले में बल्लेबाजों ने तो निराश किया है इसके साथ ही कोहली का गुरूर कहे जाने वाले उनके तेज गेंदबाजों ने भी कप्तान सहाब का सिर शर्म से झुकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
इंग्लैंड दौरे पर चमके कोहली के शेर - वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल गंवाने की कसक टीम इंडिया ने इंग्लैंड की ही धरती पर निकाली और वो भी मेजबान देश के खिलाफ. 2007 के बाद भारतीय टीम ने अंग्रेजों की धरती पर सीरीज में 2-1 की लीड लेकर वतन लौटी. कोरोना की दस्तक के चलते सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच नहीं हो सका, जो अब अगले साल खेला जाएगा. इस दौरान लॉर्ड्स के मैदान पर टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और कप्तान कोहली ऐसा करने वाले महज तीसरे कैप्टन बने. लॉर्ड्स में मिली जीत इसलिए भी खास रही, क्योंकि यहां बुमराह और शमी ने गेंद से नहीं, बल्कि बल्ले से इंग्लिश टीम को धाराशायी किया और 90 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई.
आईपीएल का खिताब जीतकर धोनी बने मेंटोर - 2020 में पहली बार प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रही चेन्नई सुपर किंग्स की साल 2021 में जोरदार कमबैक किया. धोनी ने अपनी अगुवाई में टीम को चौथी बार चैंपियन बनाया. आईपीएल की ट्रॉफी हासिल करने के बाद माही को बीसीसीआई ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और टी-20 वर्ल्ड कप में उनको बतौर मेंटोर भारतीय टीम से जोड़ा. हालांकि, माही भी आईसीसी टूर्नामेंट में कोहली की किस्मत पलट नहीं सके.
टी-20 वर्ल्ड कप में बुरी तरह फ्लॉप हुई टीम इंडिया - टी-20 विश्व कप में टीम इंडिया का आगाज ही बेहद शर्मनाक रहा और कोहली की सेना को वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार पाकिस्तान के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा. हार भी ऐसी वैसी नहीं, बल्कि पड़ोसी मुल्क ने भारतीय टीम को 10 विकेट से रौंदा. इसके बाद रही-सही कसर कीवी टीम ने भी पूरी कर दी और खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही कोहली एंड कंपनी सुपर 12 स्टेज के आगे तक नहीं बढ़ सकी.
कोहली की प्रेस कॉन्फ्रेंस से मचा भारतीय क्रिकेट में हड़कंप - टी-20 कप्तानी से इस्तीफा देने के बाद विराट कोहली से 8 दिसंबर को वनडे की कप्तानी छीन ली गई और रोहित शर्मा के हाथों में टीम की बागडोर सौंप दी गई. बीसीसीआई द्वारा अचानक से लिए गए इस फैसले की खूब आलोचना भी हुई, पर असली खेल हुआ जब विराट ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कोहली ने बेबाकी से जवाब देते बताया कि वनडे कप्तानी को लेकर उनसे कोई बातचीत तक नहीं की गई और उनको सिर्फ फरमान जारी किया गया. साथ ही सौरव गांगुली के उस बयान को भी झूठा बता दिया, जिसमें बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा था कि उन्होंने विराट से टी-20 कप्तानी छोड़ने को मना किया था.
राहुल द्रविड़ बने हेड कोच - लंबे समय से विराट कोहली के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे रवि शास्त्री ने टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया. जिसके बाद हेड कोच के लिए नाम तो कई सामने आए, पर बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली को राहुल द्रविड़ इस रोल के लिए सबसे फिट नाम लगे. अपनी देखरेख कई युवा खिलाड़ियों का भविष्य चमकाने वाले द्रविड़ को अगले दो साल में दो विश्व कप में टीम इंडिया की किस्मत चमकाने का जिम्मा दिया गया.