रणजी ट्रॉफी के दौरान दिल्ली की टीम से एक और विवाद जुड़ गया, जब खराब फॉर्म से जूझ रहे उसके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज आयुष बडोनी को कद्दावर अधिकारियों के कहने पर टीम होटल में ही रुकने को कहा गया. अधिकारियों का कहना है कि वे इस 'आईपीएल स्टार' को सबक सिखाना चाहते थे. इस सीजन में अब तक पांच पारियों में से तीन बार दिल्ली की टीम 200 रन भी पार नहीं कर पाई.
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डीडीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'क्षितिज को खिलाने और बडोनी को 15 से बाहर रखने का दबाव था, ताकि उसे बीसीसीआई से मैच फीस भी नहीं मिल सके. 15 खिलाड़ियों को ही मैच फीस मिलती है. चूंकि उसे खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के क्षेत्र में जाने की परमिशन नहीं थी तो उसे होटल में ही रखा गया.'
जब वह वीआईपी गैलरी से मैच देख सकते थे तो उन्हें मैदान में क्यों नहीं लाया गया. यह पूछने पर अधिकारी ने कहा, 'टीम मैनेजर को उसके खाने का अलग से इंतजाम करना पड़ता, क्योंकि बीसीसीआई इसके पैसे नहीं देता. वह नेट पर भी नहीं जा सकता था क्योंकि पंजाब सीए का कैम्प चल रहा था.'
ऐसा भी माना जा रहा है कि आईपीएल के दो सीजन के बाद बडोनी का फोकस नहीं रह गया है और उन्हें सबक सिखाने के लिए टीम होटल में ही रखा गया. समझा जाता है कि इस मैच में प्रदर्शन अच्छा नहीं होने पर डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली को दखल देना होगा. अधिकारी ने कहा, 'वह जल्दी ही कड़े फैसले ले सकते हैं. क्षितिज ने दूसरी पारी में रन नहीं बनाए तो अध्यक्ष को दखल देना होगा.'