रणजी ट्रॉफी के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी पारी खेलने के बाद पृथ्वी शॉ का दर्द छलक पड़ा है. शॉ का कहना है कि सलामी बल्लेबाज को उन लोगों ने जज किया, जो उन्हें सही से जानते तक नहीं हैं. पीटीआई के साथ बातचीत करते हुए शॉ ने कहा कि जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे, तो लोग उनके साथ नहीं थे.
शॉ ने कहा, ' कभी-कभी आप झल्ला जाते हैं. आप जानते हैं कि आप सही चीज कर रहे हैं. आपको पता होता है कि आप अपना प्रोसेस सही कर रहे हैं और आप खुद से ईमानदार हैं,आप मैदान पर और मैदान के बाहर भी डिसिप्लिन हैं.हालांकि, कभी-कभी लोग अलग तरह से बातें करते हैं. जो लोग आपको जानते तक नहीं है वो भी जज करते हैं.'
सलामी बल्लेबाज के अनुसार वह टीम इंडिया में वापसी को लेकर ज्यादा नहीं सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यहां तक कि सोच भी नहीं रहा हूं कि कोई मुझे इंडियन टीम में बुलाएगा. मुझे अपनी चीजों को सही तरीके से करने की कोशिश कर रहा हूं, जो मैं कर सकता हूं और बहुत आगे की नहीं सोच रहा हूं.' शॉ ने असम के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 379 रनों की यादगार पारी खेली, जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर भी है.