भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बुधवार को श्रेयस अय्यर और ईशान किशन का मजबूत वापसी करने के लिए समर्थन किया. इन दोनों को रणजी ट्रॉफी में खेलने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के निर्देश की अनदेखी करने के कारण सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया है.
बीसीसीआई ने बुधवार को इस साल के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट जारी की. इस जारी लिस्ट में श्रेयस अय्यर और ईशान इशान को जगह नहीं मिली है.
शास्त्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘क्रिकेट के खेल में वापसी आपके जज्बे को परिभाषित करती है. हौसला रखो, श्रेयस अय्यर और इशान किशन. चुनौतियों का सामना करें तथा और भी मजबूत होकर वापसी करें. आपकी पिछली उपलब्धियां बहुत कुछ बयां करती हैं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप एक बार शीर्ष पर होंगे.’’
25 साल के किशन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पिछले दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे से हटने के बावजूद रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए नहीं खेले. इसके बजाय उन्होंने अगले महीने होने वाले आईपीएल की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया.
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद अय्यर ने बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के रणजी क्वार्टर फाइनल के लिए खुद को उपलब्ध नहीं कराया. उन्हें हालांकि दो मार्च से शुरू होने वाले रणजी सेमीफाइनल के लिए चुना गया है.
शास्त्री ने बोर्ड की सराहना करते हुए लिखा, ‘‘तेज गेंदबाजी अनुबंध के साथ खेल बदलने वाले कदम के लिए बीसीसीआई और जय शाह की सराहना. इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के लिए तैयारी में एक महत्वपूर्ण कदम. टेस्ट क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट पर जोर एक सशक्त संदेश है जो हमारे प्रिय खेल के भविष्य के लिए सही दिशा तय करता है.’’
भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने भी टेस्ट प्रारूप में कड़ी मेहनत करने के इच्छुक खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के लिए बीसीसीआई की तारीफ की.
मांजरेकर ने लिखा, ‘‘उन खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद जो कड़ा क्रिकेट खेलना चाहते हैं और क्रिकेटरों के रूप में ‘कड़ी परीक्षा’ का सामना करने को तैयार हैं.’’
बीसीसीआई ने 2023-24 के लिए केंद्रीय अनुबंधों की घोषणा करते हुए खिलाड़ियों को फिर से सलाह दी कि जब वह राष्ट्रीय टीम की तरफ से नहीं खेल रहे हों तो घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दें.
बीसीसीआई ने अय्यर और इशान को केंद्रीय अनुबंध से बाहर रखकर उन युवा खिलाड़ियों को कड़ा संदेश दिया है जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने के बजाय आईपीएल अनुबंध हासिल करने पर अधिक ध्यान देते हैं.
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