Sachin Tendulkar: मैदान पर हो या मैदान के बाहर, लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे आए 'क्रिकेट के भगवान'

Updated : Apr 23, 2023 16:49
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Anjani Thakur

यूं तो क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर कई रिकॉर्ड तोड़े हैं लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि  क्रिकेट से इतर समाज के लिए भी उनके योगदान की कोई तुलना नहीं की जा सकती. गरीब बच्चों की पढ़ाई हो या कोरोना महामारी के दौरान मजदूरों की मदद, सचिन का हाथ हमेशा मदद के लिए आगे बढ़ा है. आइए, हम आपको सचिन की दरियादिली के कुछ उदहारण बताते हैं.  

बच्चों की शिक्षा 

हर साल अपनी बेटी सारा का जन्मदिन झुग्गियों के बच्चों के बीच मनाने वाले सचिन हर साल 'अपनालय' नाम के एक एनजीओ के जरिए 200 जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाते हैं. इसके साथ ही स्कूलों के लिए धन जुटाने की एक पहल में, उन्होंने एक टेलीथॉन के लिए नौ घंटे से अधिक समय देकर 7 करोड़ रुपये का फंड इकट्ठा किया था. उनका एनजीओ 'सचिन तेंदुलकर फाउंडेशान भी गरीब बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए समर्पित है.

साथी क्रिकेटरों की मदद

सचिन ने ये नाम और शोहरत क्रिकेट से कमाई है और वो बाकी क्रिकेटर्स की मदद कर इसे वापस करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. उनकी क्रिकेट अकादमी आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को मुफ्त में क्रिकेट की ट्रेनिंग देती है. इसके साथ ही सचिन साथी खिलाड़ियों के इलाज के लिए धन मुहैया कराने में भी आगे रहे हैं. उन्होंने अंडर-17 स्तर पर अपने साथ खेले हुए पूर्व क्रिकेटर दलबीर सिंह गिल के 'हिप सब्स्टीट्यूट' के इलाज का खर्च भी उठाया था.

आपदा में बने मसीहा 

सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में पूरे भारत में कोरोनोवायरस संकट से लड़ने के लिए ₹ 50 लाख का दान दिया था. तेंदुलकर ने इस दौरान मुंबई में एक महीने के लिए 5,000 लोगों के खाने का खर्च उठाने का भी जिम्मा लिया था. इसके अलावा उन्होंने 4000 जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद के लिए एक बड़ी राशि डोनेट की थी. इससे पहले भी उन्होंने 2013 में, उत्तराखंड में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 51 लाख रुपये डोनेट किए थे.

हेल्थकेयर में बड़ा योगदान

2011 में जब जनगणना जागरूकता विज्ञापन के लिए सचिन से संपर्क किया गया तो क्रिकेटर ने इसके लिए अपने नौ घंटे तो दिए ही, साथ ही इसके लिए कोई फी नहीं ली. तेंदुलकर ने इसके अलावा पोलियो और कैंसर के लिए कई जागरूकता अभियानों के लिए एक रूपया नहीं लिया. साथ ही मास्टर ब्लास्टर चेन्नई के एक आई हॉस्पिटल की अक्टूबर 2004 से आर्थिक मदद दे रहे हैं ताकि पैसे की कमी लोगों के लिए बाधा न बने.

समाज की भलाई के लिए ठुकराए पैसे 

एक सेलिब्रिटी का किसी बुरी आदत का समर्थन करना समाज के लिए हानिकारक हो सकता है. इस बात से परिचित सचिन ने एक प्रसिद्ध सिगरेट ब्रांड के लिए 40 लाख डॉलर के विज्ञापन का ऑफर ठुकरा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने शराब के विज्ञापन के लिए उन्हें दिए गए 26 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था.

ये सभी उदाहरण बताते हैं कि सचिन तेंदुलकर, मैदान पर और मैदान के बाहर एक रोल मॉडल हैं. क्रिकेट फैंस तो उन्हें भगवान का दर्जा तो देते ही हैं, लेकिन अपने इन कर्मों से, उन्होंने बता दिया है कि उन्हें ये उपनाम क्यों दिया गया है. सचिन, तुम जैसा ना कभी कोई हुआ है ना कभी होगा.

Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर की क्रिकेटिंग जर्नी, कई जनरेशन को खेल से किया इंस्पायर

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