जिस विकेट पर कोहली, रोहित जैसे बल्लेबाजों के सिर चकरा रहे थे, जहां टर्न लेती गेंदें अबूझ पहेली साबित हो रही थी. उसी चिन्नास्वामी के मैदान पर श्रेयस अय्यर ने एक ऐसी पारी खेली, जिसका जिक्र शायद सालों तक किया जाएगा. अय्यर के बल्ले से निकली 92 रनों की यह पारी कई मायनों में खास थी, क्योंक एक छोर से भारतीय बल्लेबाजों में पवेलियन पहुंचने की होड़ लगी हुई थी.
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86 के स्कोर पर जब टीम इंडिया अपने चार बड़े बल्लेबाजों को गंवा चुकी थी, तो अय्यर ने मैदान पर कदम रखा. अय्यर ने पहले पंत का साथ निभाया, जो 26 गेंदों में 39 रनों की आतिशी पारी खेलकर आउट हुए. इसके बाद भारतीय पारी की बागडोर दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने हाथों में ली. अय्यर ना सिर्फ टीम के लिए संकटमोचक साबित हुए, बल्कि उन्होंने अपनी पारी में लगाए 10 चौके और चार गगनचुंबी छक्कों से दो साल बाद खचाखच भरे मैदान पर फैन्स का भी खूब मनोरंजन किया.
अय्यर ने अबतक क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में हाथ आए सभी मौकों को भुनाया है, भले ही वह शतक लगाने से चूक गए पर उन्होंने सूझबूझ भरी इस इनिंग से दिखा दिया है कि उनके अंदर खोखले से नजर आ रहे भारत के मध्यक्रम को भरने की पूरी काबिलियत मौजूद है.