भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कहना है कि लगभग 18 महीने बाहर रहने के बावजूद अजिंक्य रहाणे को टेस्ट में उप-कप्तान नियुक्त करने के फैसले से वह हैरान हैं. रहाणे को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह मिली थी, जहां उनका प्रदर्शन जोरदार रहा था.
रहाणे ने यहां कंगारू टीम के खिलाफ दोनों पारियों में 89 और 46 रनों की पारी खेली थी. उनके इस प्रदर्शन के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें उप-कप्तान नियुक्त किया गया.
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गांगुली ने पीटीआई से खास बातचीत में सेलेक्टर्स के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि खराब फैसला है. आप 18 महीने तक टेस्ट से बाहर रहे हैं. फिर आप एक टेस्ट खेलते हैं और अगली सीरीज में उप-कप्तान बन जाते हैं. मुझे इसकी प्रोसेस समझ नहीं आती. हमारे पास रवींद्र जड़ेजा हैं जो लंबे समय से टीम में हैं और लगातार खेल रहे हैं. 18 महीने बाद किसी की वापसी के बाद उसे उप-कप्तान बनाना मुझे समझ नहीं आता है. मेरे हिसाब से सिलेक्शन जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए. सिलेक्शन में निरंतरता होनी चाहिए.