एक तरफ जहां भारतीय क्रिकेट टीम वर्कलोड मैनेजमेंट पर अधिक जोर देती है, वहीं एक क्रिकेटर जो इस बात से सहमत नहीं हैं, वह है अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा. एक के बाद एक चोटिल होकर कई भारतीय तेज गेंदबाज लंबे ब्रेक पर चले गए हैं. इस मुद्दे पर इशांत की राय है कि गेंदबाजों को बहुत अधिक ब्रेक दिए जा रहे हैं और इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है.
34 साल के इशांत ने कहा, 'वर्कलोड के बारे में ज्यादा न सोचें. यह एक नया शब्द है जो हाल के दिनों में आया है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए. मैंने अपने अंतर्राष्ट्रीय कार्यकाल के दौरान ऐसा कुछ नहीं देखा. जब मैंने खेलना शुरू किया, तो मेरे कोच दोपहर के 1 बजे मुझे हाथ में गेंद देते थे और हम सूर्यास्त तक प्रैक्टिस करते रहते थे. इसी वजह से जब मैंने रणजी ट्रॉफी में और बाद में भारत के लिए डेब्यू किया तो मैं लंबे स्पेल फेंक पा रहा था. अगर आप सुधार करना चाहते हैं तो आपको गेंदबाजी करते रहनी चाहिए.
बता दें कि ईशांत जहीर खान के बाद 100 टेस्ट खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज हैं.