यह इंतजार खत्म क्यों नहीं हो रहा. सीरीज दर सीरीज फैन्स मैदान पर और टीवी सेट के सामने बस टकटकी लगाए रहते हैं कि आज वो दिन होगा जब विराट कोहली शतक के सूखे को खत्म करेंगे और 71वीं सेंचुरी उनके करियर में जुड़ेगी. मगर दिन प्रतिदिन विराट की बैटिंग में मानो जंग सा लगता जा रहा है.
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पहले कोहली के बल्ले से शतक नहीं निकल रहे थे, तो वह कम से कम वह 70 से 90 के बीच के स्कोर तक पहुंच रहे थे, लेकिन पिछली दस टेस्ट पारियों में विराट ने सिर्फ एक बार पचास का आंकड़ा पार किया है.
यानी शतक लगाए तो जमाना हो ही गया है, अब विराट के लिए अब फिफ्टी तक पहुंच पाना भी मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि 2017 के बाद पहली बार पूर्व कप्तान का क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में बैटिंग औसत 50 से अब नीचे आ चुका है.
श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों में खेली तीनों ही पारियों में विराट स्पिनर का शिकार हुए, जो उनकी नई कमजोरी भी बनकर उभरी है. तीनों ही बार बैकफुट पर शॉट खेलना भारतीय बल्लेबाज को महंगा पड़ा. एक समय पर स्पिनर्स को खेलने में महारत रखने वाले कोहली इस कदर युवा स्पिन गेंदबाजों की धुन पर नाचेंगे, यह शायद उनके फैन्स ने कभी नहीं सोचा होगा.
साल 2022 में अबतक कोहली ने खेली 5 पारियों में महज 189 रन बनाए हैं. अब अगर पिछले साल पर नजर डालेंगे तो वहां तो कहानी और भी खराब रही है. साल 2021 में 11 मैचों की 19 पारियों में कोहली ने 28.21 की मामलूी औसत से महज 536 रन बनाए. 2019 के बाद से विराट से बल्ले से शतक नहीं आ रहा, चलिए उसका दर्द तो अलग है. लेकिन 22 गज की पिच पर कोहली जिस तरह से एक-एक रन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, उसको देखकर तमाम क्रिकेट प्रेमियों का दिल टूट रहा है.