भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ने को लेकर लिखे पोस्ट में विराट कोहली ने धोनी ने बतौर कप्तान उन पर भरोसा दिखाने के लिए धन्यवाद दिया. कोहली के इस फैसले के बाद फैन्स उनके और धोनी के बीच कुछ समानताएं देख रहे हैं. भले ही दोनों ही घरेलू और इंटरनेशनल यात्रा अलग-अलग रही हो, लेकिन दोनों ने ही भारतीय टीम को बतौर कप्तान नई बुलंदियों तक पहुंचाया. माही की अगुवाई में टीम इंडिया ने तीन आईसीसी ट्रॉफी जीती, तो कोहली ने विदेशी धरती पर टीम को जीतना सिखाया.
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया की पांच सबसे बड़ी उपलब्धियां
धोनी ने अगर सफेद गेंद की क्रिकेट में टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, तो विराट कोहली की अगुवाई में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम ने राज किया. धोनी के बाद जिस तरह से कप्तानी के रोल में कोहली ने खुद को ढाला और शानदार तरीके से टीम की अगुवाई की वो शायद बाकी इंटरनेशनल टीमों के लिए एक उदाहरण है. क्योंकि ज्यादातर टीमें इस दौर में संघर्ष करती हैं. हालांकि, भारतीय टीम इस तरह से खेली, जैसे मानो कुछ हुआ ही नहीं. जब कोहली ने कप्तानी का कार्यभार संभाला तो माही ने रिटायरमेंट लेने तक विकेट के पीछे खड़े होकर टीम इंडिया को गाइड किया.
जब भी विराट धोनी को लेकर बात करते हैं, तो सिर्फ उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं और उनका कहना यही होता है कि माही भारत के सबसे बेस्ट कप्तान रहे. सफेद गेंद की क्रिकेट में विराट धोनी की तरह उपलब्धियां हासिल नहीं कर सके, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कोहली का कोई शानी नहीं रहा. ठीक अपने गुरु की तरह की कोहली ने भी अचानक से कप्तानी छोड़कर तमाम क्रिकेट पंडितों और फैन्स को चौंका दिया.
कोहली और धोनी के दौर के बीच में टीम इंडिया ने कई उपलब्धियां हासिल की, कई बड़े रिकॉर्ड्स को भी चकनाचूर किया और इंटरनेशनल क्रिकेट में बतौर टीम एक नई पहचान बनाई. 2007 में टी-20 विश्व कप के पहले एडिशन में बतौर कप्तान धोनी के पहली बार मैदान पर उतरने से लेकर 2022 में केपटाउन में कोहली के आखिरी मैच तक, शायद यह भारतीय क्रिकेट का सबसे यादगार दौर रहा, जिसकी बराबरी कभी नहीं की जा सकती.