रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन. कहने को तो यह तीनों सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं. भारत की यह त्रिमूर्ति कई दफा अकेले दम पर विपक्षी टीम के मुंह से जीत को छीनकर भारत की झोली में भी डाल चुकी है. लेकिन, वनडे क्रिकेट में पिछले कुछ सालों से कोहली, रोहित और धवन के बल्ले में जंग सा लग गया है और इसका भुगतान टीम इंडिया को चुकाना पड़ रहा है.
यकीनन आपके फेवरेट प्लेयर्स की बात हो रही है तो कई तरह से सवाल भी आपके मन में उठ रहे होंगे और आप भी जानना चाहते होंगे कि क्यों हम इन तीनों को भारत की हार का कसूरवार बता रहे हैं. आइए फिर अब आईने पर जमी धुंध को आपके लिए धीरे-धीरे साफ कर देते हैं...
सबसे पहले बात कप्तान साहब की ही कर लेते हैं. फिटनेस रोहित शर्मा की सबसे बड़ी समस्या रही है. भारतीय कप्तान को खेलने से ज्यादा तो आराम की जरूरत पड़ जाती है. यह बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं.
टीम इंडिया ने साल 2022 में कुल 24 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें से हिटमैन ने खेले हैं कुल 8 मैच. अब अगर आप रोहित के बड़े वाले फैन हैं तो अगला आंकड़ा आपका दिल भी तोड़ सकता है. क्योंकि कप्तान साहब ने साल 2020 से लेकर 2022 के बीच एकदिवसीय क्रिकेट में सिर्फ एक शतक जड़ा है.
अब विराट कोहली शतक के लिए किस कदर तरसे हैं यह तो जग जाहिर है. कोहली ने 50 ओवर के फॉर्मेट में आखिरी सेंचुरी साल 2019 में ठोकी थी. वनडे क्रिकेट की पिछली 7 पारियों में विराट के बल्ले से सिर्फ 73 रन निकले हैं. इन सात इनिंग्स में से कोहली एक दफा भी 20 का आंकड़ा नहीं छू सके हैं.
मैदान पर हमेशा दहाड़ने वाले शिखर धवन को दोनों बांहे फैलाकर बल्ला हवा में उठाए जमाना हो गया है. गब्बर ने आखिरी सेंचुरी साल 2019 में जड़ी थी. यानी 2020 से लेकर 2022 के बीच शतक वाले खाते में धवन के नाम के आगे बड़ा जीरो लिखा है और वो भी लगातार तीन साल. कमजोर टीम के खिलाफ खेलने पर भी अगर धवन सेंचुरी नहीं बना पा रहे हैं तो चिंता की बात तो है जनाब. गब्बर का स्ट्राइक रेट जो साल 2021 तक 91 का हुआ करता था वो भी अब गिरकर 74 पर पहुंच गया है.
2017 से लेकर 2019 तक के बीच में रोहित ने 18 कोहली ने 17 और धवन ने 8 शतक जमाए थे. यानी तीनों के बल्ले से आए थे कुल 43 शतक. लेकिन कहानी तो खराब साल 2020 से हुई. 2020 से 2022 के बीच में त्रिमूर्ति ने मिलकर शतक लगाए हैं सिर्फ एक. वो भी रोहित के बल्ले से 2020 में आया था.
पिछले तीन साल में कहानी कितनी गड़बड़ हुई है अब देख लीजिए. टीम मैनेजमेंट और हेड कोच राहुल द्रविड़ को बड़ी-बड़ी बातें बंद करके इस पर गौर करना होगा, क्योंकि टॉप ऑर्डर को टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है, पर यहां तो हाल ही बेहाल है. अब कहना जायज यह भी होगा कि अगर फॉर्म और हालात नहीं सुधरे तो अगले साल अपने ही घर में लेने के देने पड़ सकते हैं.