who is R Praggnanandhaa: 18 साल की उम्र में जहां ज्यादातर बच्चे इतिहास पढ़ रहे होते हैं वहां चैन्नई के रमेशबाबू प्रगननधा ने इतिहास रच दिया है. प्रगननधा चेस वर्ल्डकप के फाइनल में दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से भिड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. प्रगननधा ने सेमीफाइनल मुकाबले में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई है.
कौन हैं रमेशबाबू प्रगननधा: रमेशबाबू प्रगननधा का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था. उन्होंने 5 साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. वो एक तमिल परिवार से हैं। उन्होंने चेन्नई के वेलाम्मल मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की है.
महज 10 साल की उम्र में रचा था इतिहास: 10 साल, 10 महीने और 19 दिन की उम्र में, प्रगननधा खेल के इतिहास के सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर हैं. प्रगननधा ने 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर मानदंड हासिल किया था. प्रगननधा इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पांचवें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे.
18 साल के R Praggnanandhaa ने रचा इतिहास, Chess World Cup 2023 के फाइनल में बनाई जगह
मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं प्रगननधा: प्रगननधा की एक बहन हैं, वैशाली जो शतरंज खिलाड़ी हैं. इसके अलावा उनके पिता, रमेशबाबू, TNSC बैंक में ब्रांच मैनेजर के रूप में काम करते हैं. उनकी माँ, नागलक्ष्मी, एक गृहिणी हैं.