टीम इंडिया की एक परंपरा रही है जहां टीम जब भी कोई टूर्नामेंट या बाईलेटरल सीरीज जीतती है तो आमतौर पर टीम का सबसे युवा खिलाड़ी ट्रॉफी उठाता है.
इस परंपरा को एशिया कप 2023 में भी जारी रखा गया क्योंकि टूर्नामेंट के दौरान अपना वनडे डेब्यू करने वाले तिलक वर्मा ने फाइनल में भारत द्वारा श्रीलंका को हराने के बाद ट्रॉफी जीती थी.
हालांकि, रोहित शर्मा एंड कंपनी ने इसे एक और कदम आगे बढ़ाया और एक नए चेहरे को एशिया कप की ट्रॉफी उठाते हुए देखा गया. चूंकि वह कोई खिलाड़ी या कोच नहीं था, इसलिए लोग चर्चा करते रह गये कि वह कौन है.
बाद में पता चला कि वह आदमी 'थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट' रघु राघवेंद्र था.
दिलचस्प बात यह है कि रघु भारत के पहले थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट हैं और उन्होंने अतीत में सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी को भी थ्रो-डाउन ट्रेनिंग दी थी.
विराट कोहली ने भी भारत के थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट की भूमिका को स्वीकार किया था और कहा था, 'इन लोगों को बहुत सारा श्रेय दिया जाता है, जिन्होंने हमें नियमित रूप से अभ्यास कराया है और उनका योगदान अविश्वसनीय रहा है. आप लोगों को उनके नाम और चेहरे याद रखने चाहिए, क्योंकि हमारी सफलता के पीछे इन लोगों की बहुत मेहनत है.'