भारतीय अंडर-19 महिला टीम की एतिहासिक जीत के साथ महिला क्रिकेट में विश्व कप ट्रॉफी के लिए भारत का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है और सीनियर टीम दक्षिण अफ्रीका में टी20 विश्व कप में युवा लड़कियों की सफलता को दोहराने के लिए तैयार है.
टी20 रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज वुमन इन ब्लू आईसीसी टूर्नामेंटों में अपनी पिछली असफलताओं की कड़वी यादों को मिटाने की उम्मीद कर रही होगी.
एकदिवसीय विश्व कप 2017 के फाइनल में मेजबान इंग्लैंड से हारने के बाद टीम की हार का सिलसिला शुरू हुआ था.
टी20 विश्व कप 2020 के फाइनल और राष्ट्रमंडल खेल 2022 के स्वर्ण पदक मैच में मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम से हारने की याद भी हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम के दिमाग में ताजा होगी. इसके उलट, वे 2022 में किसी भी मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराने वाली इकलौती टीम थी और इस साल के विश्व कप में वो फिर से ऐसा करने की उम्मीद कर रहे होंगे.
जहां भारत की बल्लेबाजी उसका मजबूत पक्ष बनी हुई है, वहीं उसकी अनुभवहीन तेज गेंदबाजों को अफ्रीकी देश में चुनौती का सामना करना होगा. शेफाली वर्मा और ऋचा घोष की U-19 विश्व कप विजेता जोड़ी भी हरमनप्रीत कौर का इन अभियान में साथ देगी और भारत अपने विस्फोटक युवा बल्लेबाजों से अफ्रीकी देश में शानदार पारियों की उम्मीद कर रहा होगा.
वीमेन इन ब्लू अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ 12 फरवरी को करेंगी.