एक क्रिकेटर जिसे 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत के बाद उचित श्रेय नहीं मिला, वह निस्संदेह अजिंक्य रहाणे थे.
एडिलेड में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 36 रनों पर ऑल आउट हो जाने और विराट कोहली के भारत वापस लौट जाने के बाद टीम इंडिया में खलबली मच गई थी.
एक असंभव वापसी की जिम्मेदारी फिर रहाणे के कंधों पर आ गई और इस खिलाड़ी ने अपनी कप्तानी से लोहा मनवाया.
भारत ने 2-1 से सीरीज जीतने के लिए वापसी की और इसे क्रिकेट इतिहास में सबसे अच्छा मुकाबलों में से एक माना गया.
लेकिन इस दौरान बल्लेबाज रहाणे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. लेकिन जनवरी 2022 में दक्षिण अफ्रीका में भारत के 2-1 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद रहाणे ने टेस्ट में अपनी जगह खो दी.
ड्रॉप किए जाने से पहले के 12 महीनों में, रहाणे का औसत 20 तक गिर गया था.
लेकिन सिर्फ एक साल में क्या बदला जिसने रहाणे को सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट के लिए भारत के मिडिल ऑर्डर की पहली पसंद बना दिया?
सबसे पहले, देखते हैं कि रहाणे के संभावित रिप्लेसमेंट ने उस वक्त कैसा प्रदर्शन किया जब रहाणे भारत के टेस्ट सेट-अप से बाहर थें.
श्रेयस अय्यर ने अपनी पहली ही टेस्ट पारी में शतक के साथ मौके का दोनों हाथों से फायदा उठाया और कुछ समय के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन दुर्भाग्य से, उन्हें चोट लग गई और उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी.अब वह कब लौटेंगे कोई नहीं जानता.
सूर्यकुमार यादव को सीमित ओवरों के क्रिकेट में बल्ले से एक असाधारण प्रदर्शन के बाद टेस्ट टीम में लाया गया था, लेकिन उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. स्काई ने जो एकमात्र पारी खेली उसमें वह 8 रन बनाकर आउट हो गए जिसके बाद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था.
ऋषभ पंत टेस्ट में भारत के लिए गेम चेंजर थे लेकिन उनके साथ हुई दुर्घटना ने उन्हें लंबे समय के लिए क्रिकेट से दूर कर दिया.
इस दौरान कुछ अन्य बल्लेबाजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालांकि केएल राहुल ने टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया और बाद में चोट के कारण उन्हें दरकिनार कर दिया गया. दूसरी ओर मयंक अग्रवाल 2022 में श्रीलंका श्रृंखला तक ही चल पाए.
जब यह सब हो रहा था, तब एक बल्लेबाज जिसने वापसी के लिए मजबूत दावेदारी पेश की, वह थे अजिंक्य रहाणे.
आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए रहाणे का एक अलग ही रूप देखने को मिला. कैश-रिच लीग में उनकी धमाकेदार पारियों के बाद, BCCI ने 34 वर्षीय खिलाड़ी को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए मौका दिया है.
लेकिन इसका कारण सिर्फ आईपीएल में उनकी तेजतर्रार पारियां ही नहीं थी, बल्कि उनकी वापसी की नींव कुछ समय पहले रखी गई थी.
भारत के लिए नंबर 5 के पूर्व बल्लेबाज का रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन रहा, जहां उन्होंने 2 शतक बनाए और लगभग 58 की औसत से रन बनाए.
इसके बाद उन्होंने दलीप ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाया. साफ तौर पर, बोर्ड के पास इस बल्लेबाज को टेस्ट सेट-अप में वापस लाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था.
रहाणे की वापसी का फैसला भले ही मौजूदा हालात को देख कर लिया गया हो लेकिन वह जो अनुभव टीम में लाते हैं वह भारतीय टीम के लिए वरदान साबित हो सकता है.
जिंक्स के लिए जीवन का साइकल पूरा हो गया है. 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत का नायक बनने वाला व्यक्ति अब 2 साल बाद उसी टीम के खिलाफ खड़ा है, जहां वह भारत के एक दशक लंबे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को समाप्त करने का प्रयास करेगा.