रविवार को होने वाले भारत-दक्षिण अफ्रीका वर्ल्ड कप मैच के टिकट विवाद ने शुक्रवार को उस समय राजनीतिक मोड़ ले लिया, जब कांग्रेस समर्थकों के एक ग्रुप ने सीएबी अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली से जवाब की मांग करते हुए ईडन गार्डन्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप प्रसाद के नेतृत्व में लगभग 100 प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने हाथों में तख्तियां और कांग्रेस का झंडा लहराते हुए गांगुली के खिलाफ नारे लगाए. प्रसाद ने पीटीआई से कहा, 'हम जवाब चाहते हैं कि टिकटें ब्लैक में क्यों बेची जा रही हैं. यह पहली बार नहीं है कि वर्ल्ड कप में भारत का कोई मैच कोलकाता में हो रहा है.'
उन्होंने दावा किया, 'ईडन गार्डन के इतिहास में पहले कभी भी इतने सारे आजीवन, सहयोगी और वार्षिक सदस्यों को टिकट से वंचित नहीं किया गया था. फिर भी टिकट ब्लैक में उनकी सामान्य कीमत से 10 गुना अधिक उपलब्ध हैं.'
सीएबी से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 65,000 की क्षमता वाले ईडन गार्डन्स में से केवल 17,000 टिकट बिक्री के लिए उपलब्ध थे. बाकी खेल की संचालन संस्था आईसीसी, टूर्नामेंट के मेजबान बीसीसीआई और स्थानीय मेजबान सीएबी के लिए आरक्षित थे, जो अपने 121 संबद्ध क्लबों और संघों, राज्य संघों, टूर्नामेंट प्रायोजकों और कॉरपोरेट्स को टिकट भी बांटता है.
सीएबी ने इससे पहले बताया था था कि भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच 5 नवंबर को होने वाले मुकाबले के लिए उसके आजीवन, वार्षिक और सहयोगी सदस्यों के लिए 'सीमित' टिकट बुकिंग 23 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच ऑनलाइन उपलब्ध थी, लेकिन कथित तौर पर साइट कुछ ही घंटों में क्रैश हो गई और अगले दिन इसे फिर से खोलना पड़ा और कुछ भाग्यशाली लोगों को अपना कोटा बुक करने का मौका मिला. बता दें कि सीएबी ने 3000 टिकट उपलब्ध कराए थे.